
अमृतसर,5 अप्रैल(राजन): पंजाब सरकार ने राज्य में शराब के मूल्य निर्धारण और बिक्री की जिम्मेदारी पंजाबियों पर छोड़ दी है और सुझाव लेकर ही कौन सी बनाई जाएगी । भगवंत मान सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए एक जुलाई से आबकारी नीति तैयार की जानी है और आम जनता और हितधारकों से सुझाव मांगे हैं। ये सुझाव अगले 15 दिनों में ईमेल और फोन के जरिए दिए जा सकते हैं। गौरतलब है कि पंजाब की सरकारों द्वारा अब तक जो भी आबकारी नीति लागू की गई है, वह राज्य के खजाने में सबसे अधिक मात्रा में शराब भरने में विफल रही है। पंजाब के आबकारी आयुक्त रजत अग्रवाल ने कहा कि आबकारी नीति की प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इसे और समृद्ध बनाने के लिए आम जनता सहित सभी हितधारकों से सुझाव मांगे गए हैं। इच्छुक व्यक्ति 15 अप्रैल से पहले नवदीप भिंडर, अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी), भूपिंदर रोड, पटियाला को डाक या ईमेल द्वारा addletcex@punjab.gov.in पर अपने विचार या सुझाव भेज सकते हैं। लोग सुझाव देने के लिए अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी) पंजाब से भी संपर्क कर सकते हैं, जिसका व्हाट्सएप नंबर 9875961101 भी जारी किया गया है। नई आबकारी नीति को अंतिम रूप देने से पहले अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन भी शुरू कर दिया गया है। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने अपने कैबिनेट मंत्रियों की एक टीम को उन राज्यों के दौरे पर भी भेजा था, जहां तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश सहित राज्य सरकार द्वारा आबकारी नीति के तहत शराब बेची जाती है। कैबिनेट मंत्रियों के एक दल ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी, लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। विभाग के अधिकारियों के मुताबिक शराब की बिक्री से ज्यादा से ज्यादा राजस्व हासिल करने के लिए पंजाब सरकार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार की नीति को अपनाना चाहिए ताकि व्यापार को सुगम बनाया जा सके। बिचौलियों की गुटबाजी खत्म होनी चाहिए और बड़े लोगों का एकाधिकार खत्म होना चाहिए। दिल्ली में राज्य सरकार द्वारा शराब बेची जाती है, जिससे सारा राजस्व सीधे राजकोष में जाता है।