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बिक्रम  मजीठिया को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने मजीठिया की याचिका पर विचार करने से किया इनकार

नई दिल्ली/अमृतसर,10 मई (राजन):शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को आज बड़ा झटका लगा है।सुप्रीम कोर्ट ने   बिक्रम मजीठिया की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उनके विरुद्ध  पंजाब पुलिस द्वारा नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, 1985 के तहत दर्ज मामले को रद्द करने की मांग की गई थी।सुप्रीम कोर्ट की बेंच की अगुवाई कर रहे न्यायमूर्ति  डी वाई चंद्रचूड़ ने मजीठिया का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से पूछा” अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका क्यों ? क्या  आप हाई कोर्ट में नहीं जा सकते ? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मजीठिया प्राथमिकी को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकते हैं और इस पर एक खंडपीठ सुनवाई कर सकती है।
शिअद नेता ने 28 मार्च को सुप्रीम कोर्ट  का रुख कर पंजाब पुलिस द्वारा एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज मामलों को रद्द करने की मांग की थी।
मजीठिया  को अमृतसर पूर्व विधानसभा क्षेत्र से शिअद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए 20 फरवरी के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 23 फरवरी तक गिरफ्तारी पर रोक  गई थी।  अवधि समाप्त होने के बाद 24 फरवरी को सरेंडर कर दिया था।
एक विशेष अदालत द्वारा उसकी जमानत याचिका खारिज होने के बाद वह फिलहाल पटियाला जेल में बंद है।  उन्होंने तर्क दिया है कि मामले राजनीति से प्रेरित थे और उनकी जांच पहले ही उच्च पदस्थ पुलिस अधिकारियों द्वारा की जा चुकी थी।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने पदभार संभालने के बाद पंजाब पुलिस को दिए अपने पहले आदेश में 20 मार्च को मजीठिया के खिलाफ ड्रग मामले की जांच कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) का पुनर्गठन किया था।
आईजीपी-अपराध शाखा गुरशरण सिंह संधू को एक आईपीएस अधिकारी राहुल एस की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय टीम के कामकाज की देखरेख दी गई थी। अन्य सदस्य एआईजी रंजीत सिंह और डीएसपी रघबीर सिंह और अमनप्रीत सिंह हैं।
पिछली एसआईटी एआईजी बलराज सिंह की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय टीम थी।  20 दिसंबर, 2021 को एनडीपीएस अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मजीठिया के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। बिक्रम मजीठिया पटियाला जेल में बंद है,मजीठिया ने पटियाला जेल में खुद को मौत के खतरे में घोषित कर रखा है।  इस संबंध में मोहाली कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।  अकाली नेताओं ने दावा किया कि बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकियों और गैंगस्टरों से जेल में मजीठिया खतरे में है।  खुफिया रिपोर्ट में भी यह कहा गया है।  इसके बावजूद मान सरकार ने इन्हें जनरल बैरक में शिफ्ट कर दिया है।  हालांकि जेल प्रशासन ने इन आरोपों से इनकार किया है।

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