
अमृतसर,11 मई (राजन):देश की विभिन्न जेलों में बंद सिखों की रिहाई के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी कार्यालय की तरफ से बुलाए गए पंथक इकट्ठ में आज तीन मतों पर सहमति बनाई गई है। जिसमें अहम है कि शिरोमणि कमेटी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी के अंतर्गत कमेटी का गठन होगा और सभी जल्द ही राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उपराष्ट्रपति और गवर्नर से मिलेंगे।

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की तरफ से बुलाए गए इकट्ठ में प्रधान एडवोकेट एचएस धामी ने तीन मतों की जानकारी देते हुए कहा कि लगभग 9 वर्षों से कुछ सिख ऐसे हैं जो बीते 37 सालों से जेलों में बंद हैं। जिनकी रिहाई के लिए अब इकट्ठे होकर प्रयास किए जाएंगे। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि शिरोमणि कमेटी के अंतर्गत बनाए गई कमेटी जल्द ही राष्ट्रपति, उपराष्ट्रति, प्रधानमंत्री और गवर्नर से मिलेंगे। इसके अलावा देश के सिख सांसद, जो किसी भी पार्टी से संबंधित होंगे, प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से मिल बंदी सिखों की रिहाई की मांग उठाएंगे। वहीं तीसरा प्रयास में शिरोमणि कमेटी सदस्य गवर्नर से मिलेंगे
और अपनी मांग को रखेंगे। अगर फिर भी उनकी मांग ना पूरी हुई तो शिरोमणि कमेटी प्रधान की अध्यक्षता में बनी कमेटी सख्त कदम उठाएगी।
प्रधान एडवोकेट धामी ने कहा कि
लंबे समय से जेल में बंद सजा पूरी कर चुके बलवंत सिंह राजोआना सहित अन्य बंदी सिखों की रिहाई को लेकर अलग-अलग सिख संगठनों की तरफ से प्रदर्शन किए जा रहे हैं, लेकिन बंदी सिखों की रिहाई को लेकर आज तक केंद्र सरकार अपना कोई भी फैसला स्पष्ट नहीं कर सकी। कुछ साल पहले केंद्र सरकार द्वारा श्री गुरु नानक देव जी के 550वां वार्षिक प्रकाश पर्व और बंदी सिखों को रिहा करने का फैसला दिया गया था। लेकिन अब सभी संगठनों को मिलकर कदम उठाना होगा।

पंथक इकट्ठा में शामिल शिरोमणि अकाली दल प्रधान सुखबीर बादल ने कहा किबीते 30 सालों में ऐसा इकट्ठ नहीं देखा। उन्होंने कहा कि इस बैठक में लिए गए फैसले पर अकाली दल ने भी अपनी सहमति जताई है, जो भी निर्णय शिरोमणि कमेटी प्रधान की अध्यक्षता में बनी कमेटी लेगी, अकाली दल उसे मानेगा।