अमृतसर,11 जून (राजन):कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने पूर्व कांग्रेसी मंत्री तृप्त रजिंदर बाजवा पर करोड़ों रुपयों के घोटाले करने का आरोप लगाया है। कुलदीप धालीवाल ने जीटी रोड पर बेची गई पंचायती जमीन को बेचने के मामले की जांच शुरू करवा दी है। यह वही जमीन है, जिसे लेकर पिछले दिनों मंत्री धालीवालपर ही आरोप लगाए जा रहे थे। कुलदीप सिंह धालीवाल ने बताया कि अमृतसर जीटी रोड पर एक कीमती जगह पर कालोनी काटी जा रही है। पिछले दिनों उन पर आरोप लगे थे कि उन्होंने पंचायती जमीन को बेचा है, लेकिन जब उसकी जांच शुरू करवाई तो स्पष्ट हुआ कि इस जमीन की फाइल पर पूर्व कांग्रेसी मंत्री तृप्तरजिंदर सिंह बाजवा ने साइन किए थे। यह साइन 11 मार्च को किए गए, जब 10मार्च को कांग्रेस को पूरे राज्य में बुरी हार का सामना करना पड़ा था। उनके साइन के बाद बेची गई जमीन से पंजाब सरकार को 28 करोड़ रुपए का घाटा हुआ है। उन्होंने इस जमीन कीखरीद-फरोख्त की जांच के लिए कमेटी कागठन कर दिया। यह कमेटी आईएस अमित कुमार की अध्यक्षता जांच करेगी। मंत्री कुलदीप धालीवाल ने बताया कि अमृतसर जीटी रोड पर स्थित जमीन को खरीदने का काम 25 मई 2015 को शुरू किया गया था। जब राज्य में अकाली दल की सरकार थी। तब पंचायत ने प्रस्ताव डालकर इसकी रिपोर्ट को चंडीगढ़ भेजा था। इसके बाद यह फाइल चंडीगढ़ कार्यालयों में घूमती रही । हैरानी की बात है कि10 मार्च को चुनाव परिणाम आए और पूरे पंजाब में कांग्रेस की हार हुई।
हार के अगले दिन 11 मार्च को पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सुबह कैबिनेट के साथ बैठक की और दोपहर बाद राज्यपाल को इस्तीफा सौंप दिया, लेकिन कांग्रेस के पूर्व मंत्री तृप्त रजिंदर बाजवा ने नैतिकता को दरकिनार किया और इस जमीन को बेचने के आदेशों पर 11 मार्च को हस्ताक्षर कर दिए। 15 मार्च को ऑर्डर निकले और इसके बाद जमीन की रजिस्ट्री हो गई, जबकि मान सरकार की कैबिनेट ने ही 19 मार्च को शपथ ली थी। कुलदीप धालीवाल ने बताया कि घपला यहां भी नहीं रुका। 41 एकड़ की जमीन का प्रस्ताव 2015 में डाला गया था, लेकिन जब मार्च 2022 को इस जमीन की रजिस्ट्री हुई तो उसमें सिर्फ 38 एकड़ जमीन थी। इस पूरे घटनाक्रम में सरकार को 28 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है,जिसे मान सरकार बरदाश्त नहीं कर सकती। इस मामले की जांच शुरू करने के आदेश उन्होंने दे दिए हैं, जल्द ही रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई भी होगी।
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