अमृतसर, 19 सितम्बर (राजन): अमृतसर नगर निगम और पंजाब सरकार जिस स्मार्ट सिटी को बनाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च करने की घोषणा कर रही है यह बताया जाए कि उन रुपयों से हमें अमृतसरवासियों को क्या मिलेगा? अभी जो नई घोषणा आई जिसका उद्घाटन ओम प्रकाश सोनी ने किया, वह भी 125 करोड़ रुपये की स्मार्ट रोड बनेगी जिससे पुराने शहर के बाहर चारदीवारी और सड़क बनाई जाएगी। इस तरह स्मार्ट सिटी का ड्रामा है यह शहर के बारह दरवाजों के अंदर रहने वाले लोगों को पहले से भी ज्यादा गंदगी से भरा हुआ और नगर निगम की सुविधाओं से वंचित कर देगा। इन शब्दों का प्रगटावा पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने जारी प्रैस विज्ञप्ति में किया। प्रो. चावला ने कहा कि क्या स्मार्ट का मतलब केवल शहर के बाहर और वीआईपी इलाकों को सुंदर बनाना है या जो असली अमृतसर है उसके लिए भी कोई फंड सरकार के पास है। बहुत अच्छा हो सरकार पंजाब के पहले रह चुके विधायकों, सांसदों और वर्तमान विधायकों सांसदों की कमेटी बनाकर यह देखे कि शहर की क्या जरूरत है।
प्रो. चावला ने कहा कि पहले हृदय योजना के अंतर्गत पांच करोड़ खर्च कर गोलबाग की बुरी हालत कर दी। अब 125 करोड़ केवल साढ़े सात किलोमीटर लंबी सड़क पर ही खर्च कर देंगे और हालत यह है कि जहां जहां यह दीवार बनी है दीवार के अंदर कूड़ा कर्कट फेंक कर ऐसा प्रबंध कर दिया है जो लोगों को दिखाई न दे, पर शहर के लोग बदबू और गंदगी में रहें। उन्होने कहा कि यह अन्याय अमृतसरवासी नहीं सहेंगे।
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