अमृतसर, 18 जुलाई (राजन): पूर्व मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने कहा कि सरकार ने आटा, दाल, दही आदि पर जीएसटी थोप कर जरूरतमंद लोगों से अन्याय किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार क्या यह नहीं जानती है कि देश में कितने गरीब हैं। अगर गरीब नहीं हैं तो 80 करोड़ लोगों को राशन फ्री क्यों बांटा जा रहा है। क्या सरकार यह नहीं जानती कि आज भी देश के 20 करोड़ लोग भूखे सोते हैं। ऐसी हालत में जो जनता मेहनत करके किसी तरह आटा-नमक का जुगाड़ कर रही है उनके पेट पर लात मारते हुए सरकार ने दूध, दही, छाछ, आटा जैसी वस्तुओं पर भी पांच प्रतिशत जीएसटी लगा दिया है। होना तो यह चाहिए कि मुफ्त राशन चाहे बंद कर दें। जनता को सस्ता राशन, सस्ता दूध, दही, घी आदि वस्तुएं दें। उसके विपरीत जो लोग किसी भी तरह रोटी रोजी का प्रबंध कर रहे हैं उनकी भी रोटी छीनने की तैयारी कर ली गई है। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि जो लोग 10 से 15 हजार की कमाई के साथ परिवारों को पालते हैं और बच्चों का भविष्य संवारने के लिए जी-तोड़ परिश्रम करके प्रबंध करते हैं अब उनकी रोटी न छीनिए और यह जीएसटी खाने पीने की वस्तुओं पर जो लगाई है इस आदेश को वापस लें।
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