अमृतसर,25 अगस्त (राजन):गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी की टीचर्स एसोसिएशन ने वाइस चांसलर डॉ. जसपाल संधू की योग्यता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने वाइस चांसलर डॉ. संधू पर यूनिवर्सिटी के कामों को छिपाने के भी आरोप लगा दिए हैं। जांच शुरू होने के बाद टीचर्स एसोसिएशन ने अपना पक्ष रखा और उन तथ्यों पर बात की,जिनके आधार पर विजिलेंस ने जांच शुरू कर दी है। टीचर्स एसोसिएशन के प्रधान डॉ. लखविंदर सिंह ने स्पष्ट बताया कि डॉ. जसपाल संधू ने मेडिसिन में एमएस कर रखी है। मेडिकल कॉलेज में वह प्रोफेसर पद पर पढ़ाने के लिए वह योग्य हैं, लेकिन अगर उन्हें यूनिवर्सिटी में पढ़ाना है तो पीएचडी की जररूत है। वहीं उन्होंने डॉ. संधू की तरफ से की गई पदोन्नतियों पर भी सवाल खड़े किए हैं। डॉ. लखविंदर बताया कि यूनिवर्सिटी के अंदर सर्बजोत सिंह बहल को डीन अकादमिक मामले में लगाया गया, लेकिन 2000 में जब उन्हें यूनिवर्सिटी जॉइन करवाई गई थी तो 5 साल में पीएचडी करने की शर्त रखी गई थी। आज तक उन्होंने पीएचडी पूरी नहीं की। इसके बावजूद उन्हें डॉ. जसपाल ने यूनिवर्सिटी के सीनियर पद पर बिठा दिया।
यूनियन है 8 मामलों को रखा सरकार के सामने
डॉ. एनपी सिंह सैनी ने बताया कि यूनियन की तरफ से कुल 8 मामले सरकार के सामने रखे गए, जिनके आधार पर विजिलेंस ने इंक्वायरी शुरू कर दी। डॉ. सैनी ने बताया कि सर्बजोत सिंह बहल के अलावा रजिस्ट्रार पर बैठे प्रो. करणजीत सिंह काहलों की पोस्टिंग, 60 साल से अधिक उम्र के प्रोफेसर्स को सिंडिकेट का सदस्य बनाना, 2013 में आई 1.50 करोड़ रुपए की ग्रांट के खर्च करने पर सवाल उठाए हैं।डॉ. लखविंदर ने बताया कि यूनिवर्सिटी में होने वाली सीनेट व सिंडिकेट की बैठकों की रिपोर्ट को जन तक पहुंचाने पर वाइस चांसलर ने रोक लगा रखी है। 2018 में इन बैठकों की रिपोर्ट को यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपडेट नहीं किया गया। इसके बाद 2020 में इसकी प्रिंटिंग पर भी रोक लगा दी गई है।वहीं प्रो. सैनी ने जानकारी दी कि डॉ. जसपाल संधू से पहले रहे वीसी डॉ. अजायब सिंह बराड़ के मामलों की भी इंक्वायरी करने के लिए विजिलेंस को बोला गया है। कल ही टीचर्स एसोसिएशन के वफद ने डॉ. बराड़ के समय हुई धांधलियों की रीप्रेजेंटेशन विजिलेंस को दी है।
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