
अमृतसर, 3 अक्टूबर (राजन):जिलाधीश गुरप्रीत सिंह खैहरा ने जिले के पटवारियों को दिए अपने निर्देशों में यह स्पष्ट कर दिया है कि यह देखा गया है कि शहरों के पास नई कॉलोनियां विकसित की गई हैं, लेकिन ये अभी भी कृषि भूमि पर राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में दर्ज हैं। हालांकि, ऐसी कॉलोनियों वाली भूमि को रिहायशी या कमर्शियल संपत्तियों के रूप में पंजीकृत किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसा करने में विफलता से सरकार को वित्तीय नुकसान हो रहा है , जो सहन करने योग्य नहीं था। उन्होंने सभी पटवारियों और कानूनगो को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने क्षेत्र के परिसर का दौरा करें और पंजीकरण करें और सही विवरण दें। उन्होंने कहा कि अगर इस बार भी सही विवरण दर्ज नहीं किया गया तो संबंधित पटवारियों और कानूनगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं जिलाधीश खैहरा ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के विपरीत, जो किसान पराली जला रहे थे, उन्हें भी इस क्षेत्र में पंजीकृत किया जाना चाहिए और गाँव का नाम और खसरा नंबर आदि के विवरण के साथ क्षेत्र की तस्वीरें लेनी चाहिए। मंडलीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार या एसडीएम के माध्यम से जिलाधीश को भेजी जाए।
वहीं जिलाधीश खैहरा ने कहा कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के विपरीत, जो किसान पराली जला रहे थे, उन्हें भी इस क्षेत्र में पंजीकृत किया जाना चाहिए और गाँव का नाम और खसरा नंबर आदि के विवरण के साथ क्षेत्र की तस्वीरें लेनी चाहिए। मंडलीय राजस्व अधिकारी, तहसीलदार या एसडीएम के माध्यम से जिलाधीश को भेजी जाए।
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