
अमृतसर,22 सितंबर(राजन):शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को गुरुद्वारों का प्रबंधन लेने के लिए कब्जे न करने की चेतावनी दी है। शिरोमणि कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि अगर हरियाणा के गुरुद्वारों का प्रबंधन लेने के लिए कोई कब्जे की नीति या किसी किस्म की धक्केशाही की गई तो इसकी जिम्मेदार हरियाणा सरकार होगी। धामी ने कहा कि बीते दिनों सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला एच एस जी पीसी के मामले में दिया है, उसके लिए कानूनी माहिरों से बातचीत की जा रही है। फैसले का अर्थ यह नहीं कि इसके बाद कोई कानूनी पेंच बाकी नहीं है। एसजीपीसी सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन डालने जा रही है। सरकारी जोर के साथ गुरुद्वारा साहिबों के प्रबंध पर कब्जे की नीति अपनाना ठीक नहीं है। जानकारी में आया है कि हरियाणा में भाजपा सरकार इसी नीति पर चल रही है।प्रधान एडवोकेट धामी ने कहा कि एसजीपीसी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिलने का प्रयास किया था, लेकिन उन्होंने मिलना जरूरी नहीं समझा। इससे जाहिर होता है कि सिख संस्थाओं के विरूद्ध देश में किसी तरह की साजिशें रची जा रही हैं ।
सिख मामलों से सरकारे रहें दूर
प्रधान धामी ने कहा कि सिख कौम को तोड़ने, बांटने और सिख शक्ति को कमजोर करने वाली ऐसी ताकतों की चालों को कौम सफल नहीं होने देगी। सरकारों को सिख मसलों से किनारा करना चाहिए। हरियाणा सरकार को गुरुद्वारा साहिबों पर कब्जे वाली नीति आगे नहीं बढ़ानी चाहिए
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