अमृतसर, 22 सितंबर (राजन):सिखों की सबसे पुरानी शिक्षण व धार्मिक संस्थान चीफ खालसा दीवान के सदस्यों ने प्रधान व कैबिनेट मंत्री डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर और उनके सहयोगियों पर धार्मिक मर्यादा व सिख सिद्धांतों से खिलवाड़ करने के आरोप लगाए हैं। सदस्यों ने आरोप लगाया है कि प्रधान डॉ. निज्जर के करीबियों ने गुरु ग्रंथ साहिब के सामने जनरल हाऊस की बैठक के दौरानअभद्र भाषा का प्रयोग किया।संस्था के तीन सदस्यों अवतार सिंह, सर्बजीत सिंह, अमरजीत सिंह भाटिया, नवदीप सिंह और हरकंवल सिंह कोहली ने बताय कि 20 अगस्त को गुरुद्वारा साहिब में दीवान की जनरल हाऊस की बैठक के दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हाजिरी में सदस्यों के बीच किसी बात को लेकर बहस हो गई। बहस के बीच गाली-गलोच हुआ और एक दूसरे की दस्तार उतारने तक की धमकियां दी गई। गुरु ग्रंथ साहिब की हाजिरी में इस तरह की बहस होना निंदनीय है और यह बेअदबी है। डॉ. निज्जर ने भरोसा दिया था कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अपनों पर कार्रवाई में देरी
डॉ. निज्जर ने भरोसा दिया कि दोषियों के खिलाफ बनती कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई टाली जा रही है क्योंकि दोषी डॉ. निज्जर के करीबी हैं। सदस्यों ने मांग की है कि यह धार्मिक मर्यादा का मामला है। इसका समाधान पहल के आधार पर होना चाहिए। अगर प्रबंधक व सदस्य गुरुद्वारा साहिब की मर्यादा बनाकर नहीं रख सकते तो मीटिंग कहीं और करनी चाहिए। सदस्यों ने इस दौरान चीफ खालसा दीवान के अंतर्गत चलने वाले लिंक रोड ब्रांच श्री गुरु हरिकृष्ण स्कूल की प्रिंसपल पर भी कार्रवाई की मांग उठाई। सदस्यों ने आरोप लगाया है कि पंजाब में इस समय धर्म परिवर्तन एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है। लेकिन स्कूल प्रिंसिपल ने मरद टरेसा के जन्मदिन पर स्टूडेंट्स के सामने भाषण दिया। उनका आरोप है कि इस मामले की जाच में भी धर्म प्रचार कमेटी की सलाह नहीं ली गई और जांच कमेटी के पांच में से तीन सदस्य खुद ही बागी हो गए।
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