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आईएमए विवाद… चुनाव रुकवाने के आरोप में 12 डॉक्टर आईएमए से दो साल के लिए डिबार, इनमें से 5 कैंडिडेट थे

डिबार डॉक्टरों का आरोप- हमने नहीं रुकवाया, बल्कि यह कार्रवाई चुनाव रोकने को हुई

अमृतसर,1 मार्च (राजन):इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए)अमृतसर के प्रेजीडेंट ओपी सिंघानिया की ओर से आईएमए हाउस के नोटिस बोर्ड पर 12 डॉक्टरों को डीबार करने का नोटिस चिपकाया गया है। नोटिस में कहा गया है कि अनुशासन तोड़ने पर यह 12 डॉक्टर अगले 2 सालों तक आईएमए की कोई मीटिंग या कंटिन्यूइंग मेडिकल एजुकेशन (सीएमई) अटेंड नहीं कर सकेंगे। साथ ही आईएमए की ओर से कराई गई किसी भी गतिविधि में भाग नहीं ले सकेंगे।

नोटिस  गैर संवैधानिक : डॉ अशोक उप्पल

डॉ. अशोक उप्पल समेत 12 डॉक्टरों ने इस नोटिस को गैर संवैधानिक बताया है। डॉ.उप्पल ने कहा कि आईएमए चुनाव होने से रोकने की साजिश के तहत यह नोटिस निकाला गया है। उन्होंने कहा कि यह बॉडी ऐसे नोटिस निकालकर एक तो भाईचारा खराब करना चाहती है और चुनाव को रोकना चाहती है, क्योंकि यह हार से डरते हैं। न तो यह नोटिस एसोसिएशन के लेटर पर है, न नोटिस पर डेट, न डायरी नंबर, न प्रोपर फॉरमेट, न डिस्पैच नंबर है। न ही किसी डॉक्टर को ऐसा नोटिस आया है। जिन डॉक्टरों के नाम लिखे गए हैं उनमें से 5 चुनाव लड़ रहे हैं। किसी भी डॉक्टर को डीबार करने से पहले नोटिस किया जाता है। जिसके बाद उससे बातचीत की जाती है यदि वह अपनी गलती को नहीं मानता, फिर जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई जाती है। इसमें आरोपी डॉक्टर को डीबार करने से पहले 75 प्रतिशत डॉक्टरों की सहमति जरूरी होती है। उसके बाद स्टेट और नेशनल बॉडी को भेजा जाता है। यहां आईएमए के सारे नियम तोड़कर तानाशाही चल रही है।

आईएमए के सारे नियम तोड़कर तानाशाही चल रही : डा. उप्पल

डा. अशोक उप्पल ने कहा कि 5 फरवरी 2022 को स्टेट बॉडी की मीटिंग में अधिकारियों ने कहा कि वह अपनी ओर से कमेटी गठित कर चुनाव कराएंगे। इसी डर में आईएमए अमृतसर ने यह नोटिस लगा दिया। जबकि 99 प्रतिशत डॉक्टर
डेमोक्रेटिक तरीके से चुनाव चाहते हैं, ताकि सबको मौका मिल सके। केवल 1 प्रतिशत से भी कम लोग आईएमए का नाम खराब कर रहे हैं । इन्होंने 3 महीने पहले भी कारण बताओ नोटिस जारी करके धर्म के आधार पर भेदभाव आरोप लगाया था, जिसे स्टेट बॉडी ने एक लाइन में ही खारिज कर दिया था। यह बॉडी नई पीढ़ी को मौका नहीं देना चाहती। नोटिस में लिखे 12 डॉक्टर आईएमए के प्रेजिडेंट, सेक्रेटरी, ज्वाइंट सेक्रेटरी, कार्यकारी मेंबर, ऑर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी समेत अलग-अलग रूप में 10-12 सालों से सेवाएं दे चुके हैं। तब अनुशासन नहीं तोड़ा, तो आज क्यों तोड़ेंगे। अमृतसर बॉडी में 1100 मेंबर होने के कारण यह स्ट्रॉन्ग हैं।

8 जनवरी को होने वाले चुनाव हंगामे के चलते हुए थे स्थगित

8 जनवरी को आईएमए हाल में प्रेसीडेंट, सीनियर वाइस प्रेसीडेंट, वाइस प्रेसीडेंट के लिए चुनाव आयोजित हुए थे। डॉक्टर राजेश पर ऑब्जेक्शन लगने के कारण डॉ. राहुल और एचपी सिंह ग्रुप में बहस के बाद चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। चुनाव के दौरान नौबत हाथापाई तक आ गई थी। धीरे-धीरे मामला स्टेट बॉडी तक पहुंचा, जिसमें मामले को 15 दिन के अंदर समाधान करने का आश्वासन दिया गया था। इस बीच एक ओर मीटिंग रखी गई, इसमें भी हंगामा हो गया।

एक बार  फिर से माहौल गर्मा गया है।

2023 के प्रेसीडेंट को कार्यभार सौंपने के लिए बैठक रखी गई थी मगर इस दौरान धक्का-मुक्की के कारण मीटिंग नहीं हो सकी। आईएमए के पूर्वप्रधान आरएस सेठी ने बताया कि स्टेट मेडिकल एसोसिएशन में कहा था कि जब तक नए सदस्य नहीं बन जाते तब तक पुरानी कमेटी काम करेगी, लेकिन कुछ डॉक्टरों के विरोध के बाद कोई काम नहीं हो पा रहा है। उसके बाद मामला स्टेट बॉडी के पास पहुंच गया। 8 जनवरी से आईएमए अमृतसर में जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब अनुशासहीनता के लिए 12 डाक्टरों को डीबार करने पर एक बार फिर से माहौल गर्मा गया है।

नोटिस में इन 12 डाक्टरों के नाम

डा. अशोक उप्पल,डा. नीरज जैन,डा. बिपन सरीन,डा. जगदीश गोस्वामी,डा. हरविंदर सिंह हीर,डा. बरिंदरपाल बाजवा,डा. मनीष चांदेय,डा. प्रह्लाद दुग्गल,डा. रमन चथरथ,डा. राहुल अरोड़ा,डा. राकेश शर्मा डा. पंकज सोनी का नाम है।

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