
अमृतसर,4 अप्रैल(राजन):निगम कमिश्नर एवम सीईओ स्मार्ट सिटी लिमिटेड अमृतसर संदीप ऋषि ने कहा कि शहर के सार्वजनिक परिवहन में सुधार और प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए, “राही प्रोजेक्ट” शुरू किया गया है। यह राही परियोजना केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय, फ्रांसीसी विकास एजेंसी (एएफडी), यूरोपीय संघ और शहरी मामलों के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईयूए) द्वारा चलाए जा रहे इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन (सीआईटीआईआईएस) कार्यक्रम के लिए शहर के निवेश का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि महिंद्रा, अतुल और पियाजियो, तीन ई-ऑटो निर्माता वर्तमान में राही परियोजना के तहत सूचीबद्ध हैं और कोई भी ऑटो चालक जो अपने पुराने डीजल ऑटो को बदलना चाहता है, वह सूचीबद्ध कंपनियों की डीलरशिप पर जाकर आवेदन कर सकता है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले सबसे पुराने डीजल ऑटो वालों को अपने ऑटो को ई-ऑटो से बदलने का मौका दिया जाएगा।राही परियोजना शहर के वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार करेगी।
ई-ऑटो को अपनाने के बाद ऑटो-रिक्शा चालकों की दैनिक कमाई में भी सुधार होगा

ई-ऑटो को अपनाने के बाद ऑटो-रिक्शा चालकों की दैनिक कमाई में भी सुधार करेगी। चूंकि ऑटो चलाने की लागत 4 रुपये प्रति किमी से अधिक हो गई है, लेकिन ई-ऑटो में यह लगभग 0.68 पैसे प्रति किमी है। उन्होंने कहा कि राही परियोजना के तहत प्रत्येक लाभार्थी को 1.40 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इसके अलावा ई-ऑटो के खरीदार भारतीय स्टेट बैंक से आसान दरों पर कर्ज भी ले सकेंगे। उन्होंने कहा कि राही परियोजना के तहत ऑटो रिक्शा चालकों के परिवार की महिला सदस्यों के लिए नि:शुल्क कौशल विकास पाठ्यक्रम भी शुरू किए गए हैं, जहां कटिंग एंड टेलरिंग, ब्यूटी पार्लर, कंप्यूटर ऑपरेटर और फूड एंड फ्रूट प्रिजर्वेशन जैसे कोर्स किए जा सकते हैं. अमृतसर देश का पहला शहर है जहां इस प्रोजेक्ट के जरिए इतने बड़े पैमाने पर ई-ऑटो को सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था का हिस्सा बनाया जा रहा है।ऑटो-रिक्शा सार्वजनिक परिवहन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और केवल एक बेहतर सार्वजनिक परिवहन प्रणाली ही लोगों को अपने निजी वाहनों के बजाय सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने के लिए प्रेरित करती है। राही परियोजना से पर्यावरण को भी बहुत लाभ होगा, क्योंकि एक डीजल ऑटो प्रति किमी 0.64 ग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करता है। तदनुसार, अमृतसर में एक डीजल ऑटो प्रति दिन 45 ग्राम (प्रति दिन 70 किमी की दूरी के संदर्भ में) और प्रति वर्ष 165 किलोग्राम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करता है, लेकिन ई-ऑटो में यह शून्य होगा।
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