अमृतसर,18 अप्रैल (राजन):बेमौसम बारिश के कारण सूखे और टूटे गेहूं के अनाज पर केंद्र द्वारा घोषित मूल्य कटौती के खिलाफ पंजाब में किसानों ने अपने चार घंटे के ‘रेल रोको’ आंदोलन के तहत राज्य के कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर धरना दिया। विरोध प्रदर्शन ने आंदोलन को प्रभावित किया कई ट्रेनों और यात्रियों को असुविधा का कारण बना।भारती किसान यूनियन (एकता उग्राहन) और बीकेयू (लखोवाल) सहित कई किसान संगठनों ने घोषणा की थी कि वे दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक रेल पटरियों को अवरुद्ध रहे । लुधियाना, अमृतसर, बठिंडा, फिरोजपुर, संगरूर, फाजिल्का, गुरदासपुर और तरनतारन सहित कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने रेल की पटरियों पर धरना दिया। कुछ जगहों पर तो प्रदर्शनकारी किसानों ने रेल की पटरियों पर तंबू तक लगा दिए।बीकेयू (एकता उग्राहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने मंगलवार को कहा कि किसानों ने अपनी खरीद के लिए सूखे और टूटे गेहूं के अनाज पर मूल्य कटौती लागू करने के लिए केंद्र के खिलाफ “रेल रोको” विरोध को बहाल किया। उन्होंने सरकार के फैसले को ‘किसान विरोधी’ करार दिया। किसान नेताओ ने कहा कि केंद्र ने संकट की घड़ी में किसानों को मदद देने के बजाय मूल्य में कटौती की। एक वरिष्ठ अधिकारी ने पिछले सप्ताह कहा था कि केंद्र ने पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा और राजस्थान में गेहूं की खरीद के लिए गुणवत्ता मानदंडों में ढील दी है ताकि बिक्री को रोका जा सके और किसानों के हितों की रक्षा की जा सके।उन्होंने कहा था कि सरकार ने एक समान विनिर्देशों के तहत 6 प्रतिशत की मौजूदा सीमा के मुकाबले 18 प्रतिशत तक सिकुड़े और टूटे हुए अनाज की सीमा में ढील दी है, उन्होंने कहा था कि 6 प्रतिशत तक सूखे और टूटे हुए गेहूं पर कोई मूल्य कटौती लागू नहीं होगी।मूल्य में कटौती 10 प्रतिशत तक चमक नुकसान वाले गेहूं पर लागू नहीं होगी, जबकि फ्लैट आधार पर 5.31 रुपये प्रति क्विंटल का मूल्य कटौती 10 प्रतिशत से 80 प्रतिशत तक चमक नुकसान वाले गेहूं पर कटौती की जाएगी।
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