
अमृतसर,21 मई (राजन):कांग्रेस सरकार के समय अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम मजीठिया के खिलाफ दर्ज ड्रग केस की जांच अब नई स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (सिट) के मुखी बदल दिए गए हैं । सरकार ने ड्रग्स मामले में हालांकि इसके सिर्फ मुखी को ही बदला गया है, जबकि अन्य सभी सदस्य में किसी भी तरह का कोई भी बदलाव नहीं किया गया है। पंजाब सरकार की तरफ से जारी आदेशों के अनुसार, बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ 20 दिसंबर 2021 को पुलिस स्टेशन स्टेट क्राइम में दर्ज किया गया था। नई कमेटी का गठन में मुखी पटियाला आईजी रेंज मुखविंदर सिंह छीना करेंगे। पंजाब डीजीपी ने इसको लेकर आदेश जारी किए हैं।
अगस्त 2022 में मिली थी जमानत
इस मामले में बिक्रम सिंह मजीठिया लंबा समय जेल मे भी काट कर आए थे। 2022 चुनावों से पहले मामला दर्ज होने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया था। हाईकोर्ट से बेल की अर्जी खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट से उन्हें चुनाव लड़ने के दौरान बेल दी गई थी। वोटिंग के बाद उन्हें दोबारा सरेंडर करना पड़ा था। इतना ही नहीं, जिसके
बाद भी वह लगभग 6 महीना जेल में रहे और अगस्त 2022 में उन्हें बेल मिली थी ।
मजीठिया पर लगे थे गंभीर आरोप
ड्रग्स केस में मजीठिया पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसमें कहा गया कि कनाडा के रहने वाले ड्रग तस्कर सतप्रीत सत्ता मजीठिया की अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित सरकारी कोठी में भी ठहरते रहे। यहां तक कि मजीठिया ने उसे गाड़ी और गनमैन दे रखा था। मजीठिया चुनाव के लिए नशा तस्करों से फंड लेते रहे। इसके अलावा दबाव डालकर नशा दिलवाते रहे । नशा तस्करों के बीच समझौते करवाने का भी उन्हें आरोपी बनाया गया है। हालांकि अकाली दल इसे राजनीतिक बदला लेने की कार्रवाई करार देता रहा।
सरकार द्वारा जारी आदेश की कॉपी।

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