अमृतसर,28 अक्टूबर (राजन):पिछले लंबे अरसे से पंजाब सरकार द्वारा आदेश आने पर नगर निगम को ई-ऑफिस बनाने की निगम कमिश्नरों द्वारा कवायत शुरू की गई थी। किंतु अभी तक तो सभी कार्य ठंडे बस्ते में पड़े हुए हैं। इसके लिए निगम के एमटीपी विभाग में ई-चालान करने जिसमें अगर अवैध तौर पर कोई भी बिल्डिंग बनती है, बिल्डिंग बनाने वाली पार्टी को ई-चालान, अगर कहीं भी कोई डिमोलेशन की कार्रवाई होती है, उसे भी ई-चालान में दर्ज किया जाना था। इसके लिए विभाग के अधिकारियों को ट्रेनिंग भी दी गई थी। वैसे यह सब कंप्यूटर,लैपटॉप के अलावा अब मोबाइल फोन पर भी हो जाता है।लंबा अरसा बीत जाने के बाद भी अभी तक एमटीपी विभाग ई -ऑफिस नहीं बन पाया ।
प्रॉपर्टी टैक्स में डिजिटलाइज नोटिस
काफी दिन पहले नगर निगम जॉइंट कमिश्नर हरदीप सिंह द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को आदेश जारी किए थे कि डिफॉल्टर प्रॉपर्टी टैक्स पार्टियों को जितने भी नोटिस दिए जाएंगे,उसे नोटिस को सीएफसी सेंटर में डिजिटलाइज किया जाएगा। इसके साथ-साथ अगर डिफाल्टर पार्टी की कोई प्रॉपर्टी सील और प्रॉपर्टी टैक्स के स्कूर्टनी के केसों को भी सीएफसी सेंटर में डिजिटलाइज किया जाएगा। ताकि मैन्युअल कार्य होने से विभाग के किसी भी अधिकारी की डिफाल्टर पार्टियों के साथ मिलीभगत ना हो सके।इसमें भी अभी तक कुछ भी नहीं हो पाया है।
आईआरएमएचएस में निगम अधिकारियों और कर्मचारियों के ब्योरे
राज्य सरकार के आदेशों के अनुसार निगम कमिश्नर द्वारा सभी विभागीय प्रमुखों को आदेश जारी किए गए थे कि निगम अधिकारियों और कर्मचारियो का सारा बायोडाटा आईआरएमएचएस पोर्टल में दर्ज किया जाए। शुरू शुरू में कमिश्नर राहुल के सख्त आदेश आने पर निगम के विभागीय प्रमुखों ने अपने-अपने विभाग के एस्टेब्लिशमेंट क्लर्क से कारवाई तो शुरू करवाई। काफी संख्या में निगम अधिकारियों और कर्मचारियों के ब्योरे एकत्रित हो गए और आईआरएमएचएस पोर्टल में डल भी गए।अभी तक कार्रवाई पूरी तरह नहीं हो पाई है।
बायोमेट्रिक मशीनों से हाजिरी
नगर निगम के मुख्य कार्यालय रंजीत एवेन्यू में अक्सर निगम अधिकारियों की लेट लतीफी किसी से भी छुपी नहीं है। निगम में अपने काम करवाने आए लोगों को इससे परेशानियों से गुजरना पड़ता है। पिछले दिनों निगम जॉइंट कमिश्नर हरदीप सिंह द्वारा हाजरी की जांच करने पर अधिकांश निगम अधिकारी गायब पाए गए थे। उस वक्त के निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने आदेश जारी किए थे कि आने वाले दिनों में निगम कार्यालय में बायोमेट्रिक मशीने लगवा दी जाएगी। ताकि सभी अधिकारी और मुलाजिम बायोमेट्रिक मशीनों के माध्यम से हाजिरी दे सकें। ताकि गैर हाजिर रहने वाले अधिकारियों और मुलाजियों का शीघ्र पता चल सकेगा।पहले भी निगम के अधिकारियों और मुलाजमो की हाजिरी बायोमेट्रिक मशीनों से ही दर्ज की जाती थी। कोरोना काल के दौरान बायोमेट्रिक मशीनों से हाजिरी बंद हो गई थी। पिछले लंबे अरसे से आदेश आने के बावजूद भी बायोमेट्रिक मशीने ने निगम कार्यालय में शुरू नहीं हो पाई है।
विकास कार्यों के एस्टीमेट और बिल ई पी एम मॉड्यूल में
लोकल बॉडी विभाग से आदेश आने पर नगर निगम के विकास कार्यों के एस्टीमेट और बिल ई पी एम मॉड्यूल में कारवाई तो निगम अधिकारियों द्वारा शुरू की गई थी। इसके लिए निगम अधिकारी चंडीगढ़ से ट्रेनिंग भी लेकर आए थे। ट्रेनिंग लेकर आए अधिकारियों ने निगम अधिकारियों को ट्रेनिंग देकर पूरी तरह से जागरूक किया गया था। किंतु ऐसा कुछ भी नहीं हो पाया है।
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