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बग्गाकला के जगरूप सिंह मंड खेतों में पराली जोतकर 20 फीसदी ज्यादा पैदावार ले रहे

कृषि अधिकारियों ने खेतों में पहुंचकर किसानों का हौसला बढ़ाया

अमृतसर,1 नवंबर: जिले के अधिकतर किसानों को धान की पराली जलाने से रोकने के लिए जहां प्रशासन की टीमें दिन-रात मेहनत कर रही हैं, वहीं कई किसान ऐसे भी हैं जो कृषि विभाग की सलाह मानते हुए लंबे समय से पराली की खेतों की जुताई करने से फसलों की पैदावार आम किसानों से अधिक करवा रहे हैं। आज जिला कृषि पदाधिकारी जतिंदर सिंह अन्य अधिकारियों के साथ गांव बग्गा ब्लॉक हर्षा छीना के किसान जगरूप सिंह मंड के खेतों में पहुंचे और गेहूं की बुआई का निरीक्षण किया और किसान को बधाई दी।  इस मौके पर बात हो रही है  मंड ने कहा कि पिछले 5 साल से मैंने गेहूं का दाना या धान की पराली नहीं जलाई है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग द्वारा बताए गए बिंदुओं पर काम करके मैंने अपना धान उगाया है।  एम एसआकार के कंबाइन से कटाई की जाती है, जिससे भूसे के छोटे टुकड़े बनते हैं।  इसके बाद खेत को उलटे घोल से जुताई करके इस ठूंठ को जमीन में दबा देता हूं और फिर गेहूं की बुआई करता हूं।उन्होंने कहा कि इससे मेरे खेत की उर्वरा शक्ति बढ़ी है, बारिश का पानी खेत में नहीं रुकता, बल्कि नीचे चला जाता है।उन्होंने कहा कि मैं सभी किसानों की तुलना में कम रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करता हूं, लेकिन मेरी फसल की उपज पूरे गांव की तुलना में अधिक है, जो लगभग 20 से 25 प्रतिशत अधिक है।  उन्होंने सभी किसानों से अपील की कि वे एक बार ऐसा करें और परिणाम देखें। इस अवसर पर कृषि पदाधिकारी गिल ने किसानों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि ऐसे किसान कई किसानों के लिए मार्गदर्शक बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि पराली को खेत में जोतने से खेत में कई सूक्ष्म तत्व पाए जाते हैं, जो उर्वरता बढ़ाकर फसलों की पैदावार बढ़ाते हैं।

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