
अमृतसर,7 दिसंबर(राजन):इंप्रूवमेंट की तरफ से जमीन का 20 प्रतिशत ज्यादा मुआवजा रिलीज करवाने के लिए रिश्वत मांगने के आरोपी पूर्व लॉ ऑफिसर एडवोकेट गौतम मजीठिया की जमानत अर्जी रद्द कर दी है। तकरीबन तीन महीने पहले एडवोकेट गौतम मजीठिया ने लोकल कोर्ट से बेल रद्द होने के बाद पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में बेल एप्लीकेशन लगाई थी। मजीठिया के वकील ने हाईकोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि एडवोकेट मजीठिया पर गलत केस दर्ज किया गयाहै। एडवोकेट मजीठिया ने कोई पैसों की डिमांड नहीं की। दोनों पक्षों के बीच बहस के बाद हाईकोर्ट ने बेल को ख़ारिज कर दिया।
जुलाई में हुआ था मामला दर्ज
गौरतलब है कि विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से एडवोकेट गौतम मजीठिया खिलाफ गत जुलाई में केस दर्ज किया
गया था। विजिलेंस ब्यूरो के एसएसपी वरिंदर सिंह ने बताया था कि प्रताप एवेन्यू निवासी जतिंदर सिंह ने इस बारे में शिकायत दी थी। जिसमें शिकायतकर्ता ने कहा था कि 25 मार्च 2022 को इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की जमीन में 20 प्रतिशत ज्यादा मुआवजा रिलीज करवाने के नाम पर आरोपी वकील ने 20 लाख रुपए रिश्वत मांगी थी, जो कि 8 लाख में बात हुई।
7 लाख रुपए लिए थे रिश्वत में
आरोपी को कार में 7 लाख की रिश्वत दी गई, जिसकी वीडियो भी बनाई गई। इसके बाद 4 जुलाई को विजिलेंस ने एडवोकेट गौतम मजीठिया के खिलाफ केस दर्ज किया था। वहीं मजीठिया ने गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में जमानत के लिए एप्लीकेशन लगाई थी।
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