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डंकी फ्लाइट केस में पुलिस ने दो मामले किए दर्ज  : अमृतसर लौटे 12 युवाओं से हुई पूछताछ,10 युवकों ने नहीं दिए बयान

निकारागुआ फ्लाइट से लोटे भारतीय ।

अमृतसर,16 जनवरी:फ्रांस से लौटी डंकी फ्लाइट में सवार 12 अमृतसर के युवाओं को पंजाब पुलिस ने बुला कर पूछताछ की है। जिनमें से सिर्फ 2 ने ही बयान दर्ज करवाए हैं, जबकि अन्य 10 ने बयान देने से ही मना कर दिया है। दोनों युवाओं के बयानों के आधार पर अमृतसर देहाती पुलिस ने थानाअजनाला व मेहता पुलिस ने एफ आई आर दर्ज की हैं।इन दोनों मामलों में पुलिस ने गुरदासपुर के बटाला आधारित तरसेम सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन दोनों मामलों में शिकायतकर्ता तलवंडी गांव के कंवरमन सिंह और बुट्टर गांव के दमनप्रीत सिंह हैं। तरसेम सिंह के खिलाफ पुलिस ने 420 धोखाधड़ी, 120 बी शडयंत्र रचने और सेक्शन – 13 पंजाब ट्रेवल प्रोफेशनल रेग्युलेटरी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।

पैसों का लालच दे रहे ट्रैवल एजेंट

जांच कर रहे एक अधिकारी ने बताया कि ट्रैवल एजेंट अब इन पीड़ित लोगों को पैसे वापस करने का झांसा दे रहे हैं। जिसके बाद 10 के करीब युवा पीड़ितों ने पुलिस के सामने अपनी जुबान खोलने से मना कर दिया है। उन्हें डर है कि अगर वे मुंह खोलेंगे तो.उनके पैसे मर जाएंगे। जांच में पता चला है कि हर व्यक्ति के लिए एजेंट ने 25 से 45 लाख रुपए ले रखे हैं। इतनी बड़ी रकम के खो जाने के डर से पीड़ित कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। अमेरिका के सपने दिखा हुई ठगी दो पीड़ितों ने पुलिस को जानकारी दी कि बटाला के तरसेम सिंह ने उन्हें अमेरिका के सपने दिखाए थे। कंवरमन ने बताया कि उसे पहले दुबई भेजा गया। इसके बाद वहां संधू नाम के व्यक्ति से मिलने की बात हुई थी। जिसने उसे निकारागुआ ले जाने का इंतजाम किया। उन्हें कहा गया था कि अमेरिका जाने के लिए पहला स्टॉप यहीं होगा, यहां से अमेरिका का वीजा दिया जाएगा। वहीं दूसरे पीड़ित दमनप्रीत सिंह ने बताया कि इस एजेंट ने पहले उसके परिवार से 11 लाख रुपए उसे पुर्तगाल या आस्ट्रेलिया भेजने के लिए लिए थे। लेकिन बाद में उसे 42 लाख रुपए में अमेरिका का सपना दिखा गया। उनकी फ्लाइट निकारागुआ के लिए उड़ी। 4 दिन फ्रांस में रोका गया और फिर मुम्बई भेज दिया गया।

200 के करीब पंजाबी, 66 गुजराती

जांच में सामने आया है कि लोगों से लाखों रुपए लिए गए। उन्हें साउथ अमेरिका से अमेरिका के दक्षिणी बॉर्डर तक पहुंचने में मदद के नाम पर ये पैसे वसूले गए। इन लोगों का एजेंट्स से संपर्क कैसे हुआ और निकारागुआ पहुंचने के बाद इन लोगों का क्या प्लान था, इस बारे में पूछताछ जारी है। दरअसल, 21 दिसंबर को एयरबस ए 340 विमान 276 पैसेंजर्स को लेकर निकारागुआ जा रहा था। जब यह फ्रांस में फ्यूल भरवाने के लिए रुका तो वहां की अथॉरिटीज ने
मानव तस्करी के शक में फ्लाइट को चार दिन तक रोके
रखा। यह फ्लाइट 26 दिसंबर की सुबह भारत के मुंबई लैंड हुई। जिसमें तकरीबन 200 पंजाबी थे और 66 के करीब गुजराती इसमें सवार थे।

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