
अमृतसर,8 जून : श्री दरबार साहिब आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष खबर सामने आई है, श्री दरबार साहिब में आने वाले श्रद्धालुओं खासकर बाहर से या विदेशों से आने वालों को ठगों जरिए ऑनलाइन सराय बुक कराने के नाम पर ठगा जा रहा है। श्री दरबार साहिब और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा चलाए जाने वाली सरायों की तस्वीरें फेक वेबसाइट्स पर काफी एक्टिव है। यह ठग श्रद्धालुओं से ऑनलाइन वॉलेट/क्यूआर कोड भेजकर होटल या कमरा बुक करवाने के चक्कर में 850 से 4200 रुपए एडवांस में ही ले लेते हैं और बाद में उनके नंबर बंद हो जाते हैं।एक अमृतसर निवासी ने उसके मेहमान देखने आए श्री दरबार साहिब के लिए हेरिटेज स्ट्रीट पर स्थित एसजीपीसी द्वारा संचालित सारागढ़ी निवास में कमरा बुक करना चाहता था। सर्च करने पर सर्च इंजन उसे सबसे पहले saragarhisaraihotel.com साइट पर ले गया, इससे पहले कि वह धोखेबाजों के हाथों 3,200 रुपये गंवा देता। लगातार प्राप्त शिकायों के चलते एसजीपीसी इस मामले को पु्लिस के नजरिए में ले आई।
8-10 ऐसे केस आ चुके हैं, जहां श्रद्धालुओं को ऑनलाइन लूटा गया
एसजीपीसी के प्रबंधक (सराय) गुरप्रीत सिंह ने कहा कि यह एक ही केस नहीं है, बल्कि 8-10 ऐसे केस आ चुके हैं, जहां श्रद्धालुओं को ऑनलाइन लूटा गया है। 31 मई को भी उन्हे ऐसी ही एक जयपुर के एक व्यक्ति से मिली थी। एसजीपीएस ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट www.sgpcsarai.com पर ठगों से बचने के लिए नोटिस जारी किया है। उन्होंने नोटिस में जारी किया कि बुकिंग सिर्फ उनकी आधिकारिक वेबसाइट से की जानी चाहिए, बुकिंग के बाद वह रसीद देते हैं, जो अलग-अलग सरायों के लिए 500 से 1100 के बीच है। उन्होंने कहा कि वह अन्य प्लेटफॉर्म से क्यूआर कोड या ऑनलाइन लेनदेन लिंक के माध्यम से कोई भुगतान नहीं मांगते हैं।
वह वेब पोर्टल आयोध्या से चलाया जा रहा
गुरप्रीत सिंह ने कहा कि उनकी आईटी टीम द्वारा सर्च से पता चला कि वह वेब पोर्टल आयोध्या से चलाया जा रहा था। जैसे ही कोई दिए गए नंबर पर डायल करता है, वे कभी नहीं उठाते हैं, बल्कि केवल व्हाट्सएप कॉल या चैट के माध्यम से जवाब देते हैं। कॉल करने वाले का विश्वास जीतने के बाद, वे पैसे हड़पने के लिए उन्हें केवल क्यूआर कोड या ऑनलाइन भुगतान लिंक देते हैं। उनका बैंक खाता ‘सारागढ़ी सराय’ के नाम से था, जिसे अब संबंधित बैंक से संपर्क करने के बाद फ्रीज कर दिया गया है। फिर भी, अपराधी अभी भी पहुंच से बाहर हैं।
दोषियों को पकड़ने के लिए जांच जारी
उन्होंने बताया कि इससे पहले भी एक और फर्जी वेबसाइट थी जो bharatibiz.com नाम से प्रचलित थी। जो ऐसे ही ऑनलाइन धोखाधड़ी करती थी। अमृतसर के पुलिस उपायुक्त (कानून एवं व्यवस्था) आलम विजय सिंह ने बताया कि एसजीपीसी की ओर से शिकायत प्राप्त हुई है और दोषियों को पकड़ने के लिए जांच जारी है।
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