अमृतसर,15 जून : पंजाब सरकार द्वारा “पंजाब उप-मृदा जल संरक्षण अधिनियम, 2009” के तहत जारी अधिसूचना के अनुसार, निदेशक कृषि और किसान कल्याण विभाग पंजाब जसवंत सिंह और मुख्य कृषि अधिकारी अमृतसर तजिंदर सिंह के नेतृत्व में 15 जून को अमृतसर जिले के ब्लॉक वेरका के मानावाला कलां में धान की बुआई शुरू की गई हैं । उन्होंने कहा कि भूमिगत जल का स्तर लगातार नीचे जा रहा है, इसलिए जो किसान पर्मल प्रजाति की खेती करना चाहते हैं, उन्हें कम समय में तैयार होने वाली धान की परमल प्रजाति को प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेतों में बिना आवश्यकता के खुला पानी नहीं छोड़ना चाहिए तथा आवश्यकतानुसार ही पानी का उपयोग करना चाहिए ताकि आने वाली पीढि़यों को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने किसानों को संदेश दिया कि पंजाब में खेती के लिए पंजाब कृषि विश्वविद्यालय लुधियाना द्वारा अनुशंसित धान/बासमती की किस्मों को ही बोया जाना चाहिए।उन्होंने ब्लॉक जंडियाला गुरु के गांव जोगा सिघवाला (बंडाला) में सीधी बुआई तकनीक से लगाए गए धान के खेतों का भी निरीक्षण किया और इस तकनीक को अपनाने वाले किसानों की सराहना की और कहा कि इन किसानों की दूरदर्शी सोच से मिट्टी के नीचे पानी बचाने में मदद मिलेगी उन्होंने किसानों से खेती की नई तकनीकों से जुड़ने के लिए कृषि विशेषज्ञों से लगातार संपर्क बनाए रखने की भी अपील की। इस अवसर पर कृषि अधिकारी रमन कुमार, भूपिंदर सिंह, गुरुमीत सिंह, कृषि विकास अधिकारी परजीत सिंह औलख, कृषि विस्तार अधिकारी प्रदीप सिंह, बलजिंदर सिंह चाहल और किसान दविंदर सिंह, दिलबाग सिंह, जुझार सिंह, रणजोध सिंह, जगजीत सिंह, रेशम सिंह आदि उपस्थित थे।
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