
अमृतसर, 17 जून : सीमा पार से ड्रोन व अन्य तरीकों से होने वाली नशे व हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए पंजाब पुलिस नई स्ट्रेटजी के साथ जुटी हुई है। पाकिस्तान के साथ पंजाब का 553 किलोमीटर का बॉर्डर लगता है। वहीं, अब बॉर्डर के साथ लगते पांच किलोमीटर के एरिया पर फोकस रखा गया है। यहां पर 40 करोड़ की लागत से काम किया जा रहा है।इसमें 20 करोड़ रुपए की लागत से स्ट्रेटजिक प्वाइंट पर कैमरे लगाए जा रहे हैं। दस करोड से मोबिलिटी बढ़ाने और दस करोड़ से इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ है। पंजाब पुलिस के स्पेशल डीजीपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि नशे की चेन को तोड़ने के लिए काम किया जा रहा है। उम्मीद है कि इस बार प्रोजेक्ट में उनके हाथ सफलता हाथ लगेगी।
585 स्थान पर 2 हजार से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगेंगे
पुलिस की तरफ से पंजाब में भारत-पाकिस्तान सीमा में स्थित छह जिलों के विभिन्न गांवों में 585 स्थानों पर यह कैमरे लगाए जा रहे हैं। यह कैमरे फेस डिटेक्शन करने में सक्षम होंगे। वहीं, वाहनों की नंबर प्लेट पहचान (एएनपीआर) करने में भी सक्षम है। 2000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगेंगे। वहीं, सीमावर्ती एरिया में ही कंट्रोल रूम स्थापित किए जा रहे हैं। जबकि विलेज कमेटियां गठित कर दी गईं है। वहीं इन कैमरों की एक्सेस मुख्य अधिकारियों के पास भी रहेगी। साथ ही ऐसे में कोई हलचल या मूवमेंट होती है तो पुलिस पहल के आधार पर कार्रवाई करेगी।
तस्कर पुलिस के बड़ी चुनौतीl
पाकिस्तान साइड से ड्रोन के जरिए होने वाली तस्करी बड़ी चुनौती है। हालांकि ड्रोन पर नजर रखने के लिए बीएसएफ भी काम कर रही है। आए दिन बीएसएफ और पंजाब पुलिस द्वारा ड्रोन के साथ मादक पदार्थ और हथियार पकड़े भी जा रहे हैं।ड्रोन से होने वाली सप्लाई को लोगों तक पहुंचाने वाले तस्कर पुलिस के बड़ी चुनौती है। पुलिस द्वारा उस दिशा में मजबूत किया जा रहा है। पुलिस को नये वाहन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।
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