
अमृतसर, 25 जून:मुख्यमंत्री पंजाब भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा राज्य को पूरी तरह से नशे से मुक्त करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन नशे को पूरी तरह से बंद करने के लिए हर जिलावासी के सहयोग की जरूरत है। डिप्टी कमिश्नर घनशाम थोरी ने नशे की मौजूदा स्थिति को लेकर सिविल, पुलिस, बीएसएफ और अन्य केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि नशे के खिलाफ लड़ाई में सभी नागरिकों के सक्रिय सहयोग की जरूरत है। जिला प्रशासनिक कांप्लेक्स में पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों व अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में हुई तालमेल कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए डिप्टी कमिश्नर थोरी ने कहा कि समाज से नशे को खत्म करने के लिए एक आंदोलन की जरूरत है, जिसमें हर वर्ग शामिल हो। तभी इस सामाजिक बुराई को खत्म किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि केवल नशा तस्करों को गिरफ्तार करने से इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता, इसलिए नशे की मांग को खत्म करना और जो बच्चे नशा कर रहे हैं उनका इलाज करना भी जरूरी है।उन्होंने कहा कि हम हर तरह से तैयार हैं, लेकिन नशे के खिलाफ आवाज उठाने के लिए हमें लोगों के समर्थन की जरूरत है।
लोगों के सहयोग के बिना नशे को पूरी तरह खत्म करना असंभव- पुलिस आयुक्त

इस मौके पर पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि समाज में अपने निजी स्वार्थों के लिए निर्दोष लोगों को नशे के दलदल में धकेलने वाले शरारती तत्वों को सलाखों के पीछे पहुंचाकर और कानूनी कार्रवाई करके कड़ी सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि सीमावर्ती क्षेत्र के गांवों व कस्बों में पुलिस व जनता के सहयोग से कमेटियां गठित की जा रही हैं, जिससे नशा विरोधी अभियान को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि नशा तस्करों के बारे में सूचना देने वालों का नाम व पता पूरी तरह से गोपनीय रखा जाता है।उन्होंने कहा कि अगर पंजाब पुलिस का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी किसी नशा तस्कर की मदद करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नागरिक गुमराह होकर नशे की लत के शिकार हो गये
इस मौके पर डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जो नागरिक गुमराह होकर नशे की लत के शिकार हो गये हैं, उनका इलाज किया जा सके और ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें सरकारी नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया जाये. इस अवसर पर आये विषय विशेषज्ञों ने कहा कि अपने घर, परिवार, मित्रों एवं परिवेश को नशा मुक्त बनाने के लक्ष्य के साथ पूरी तत्परता से प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि इस कुष्ठ रोग को जड़ से समाप्त किया जा सके। उन्होंने नशे के आदी लोगों के इलाज के दौरान अपने अनुभव भी जिला अधिकारियों के साथ साझा किए और कहा कि सिर्फ नशे के आदी लोगों का इलाज ही इस समस्या का समाधान नहीं है, बल्कि नशे के आदी लोगों के परिवार के साथ काउंसलिंग भी बहुत जरूरी है. इस अवसर पर अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर निकास कुमार, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर ज्योति बाला, एसडीएम मनकंवल सिंह चाहल, सहायक कमिश्नर गुरसिमरन कौर और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
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