अमृतसर, 10 जुलाई:अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए फर्जी हथियार लाइसेंस रैकेट चलाने वाले 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।पुलिस को गुप्त सूचना थी कि कुछ लोग शहर में फर्जी हथियारों के लाइसेंस का इस्तेमाल करके हथियार रख रहे है।डीजीपी गौरव यादव नेअमृतसर पुलिस को इस गैंग का पर्दाफाश करने पर बधाई दी। अमृतसर पुलिस द्वारा आज इस मामले में प्रेस कान्फ्रेंस करके विस्तृत जानकारी दी जाएगी। पुलिस ने छह फर्जी हथियार लाइसेंस और आधार कार्ड, सात पिस्तौल, रिवॉल्वर, डबल बैरल राइफल और जाली दस्तावेजों के विवरण वाला एक लैपटॉप बरामद किया है।
बबलू की गिरफ्तारी के बाद हुआ खुलासा
हत्या के प्रयास के मामले में 9 अप्रैल, 2024 को अन्नगढ़ के बब्लू उर्फ बल्लू की गिरफ्तारी के बाद इस रैकेट का खुलासा हुआ, जिसने पूछताछ के दौरान सह-आरोपी कंवरदीप सिंह के साथ नकली लाइसेंसी हथियार रखने की बात कबूल की।आरोपी बल्लू के खुलासे के बाद, एडीसीपी जोन-1 डॉ. दर्पण आहलूवालिया और एसीपी सेंट्रल सुरिंदर सिंह की देखरेख में पुलिस स्टेशन गेट हकीमा की टीमों ने जांच शुरू की और पाया कि हथियार लाइसेंस तरनतारन के डिप्टी कमिश्नर कार्यालय से वेरीफाई था, लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड में जोड़ा नहीं था । इसके अलावा, प्रतिकूल रिकॉर्ड वाले अपराधी, जो मूल रूप से अमृतसर के निवासी हैं, तरनतारन के अलावा जाली आधार कार्डों के आधार पर फर्जी लाइसेंस बनाने के लिए तरनतारन में सुविधाओं का उपयोग कर रहे थे।
गन हाऊस की भूमिका पर होगी जांच
डीजीपी गौरव यादव ने गन हाउसों की मिलीभगत से इंकार नहीं करते हुए कहा कि पुलिस की टीमें चिन्हित गन हाउसों की भूमिका की जांच कर रही हैं, जिनके लाइसेंस फर्जी होने की जानकारी है, उन पर बिना ऑनलाइन सत्यापन किए हथियार बेचे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी पुलिस कमिश्नर रणजीत सिंह ढिल्लों ने कहा कि पहली सूचना रिपोर्ट (एफआईआर ) 11 जून, 2024 को दर्ज की गई थी, और पांच और फर्जी हथियार लाइसेंसधारियों की पहचान सुल्तानविंड के अभय के रूप में की गई, जिन्हें धोखाधड़ी से जंडियाला रोड के निवासी के रूप में दिखाया गया था। तरनतारन, अमृतसर के मनप्रीत को तरनतारन का निवासी दिखाया गया, अमृतसर के कंवरदीप को रेलवे रोड, तरनतारन का निवासी दिखाया गया और अमृतसर के रोहित को तरनतारन के गांव कांग का निवासी दिखाया गया। उन्हें 12 जून, 2024 को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह हरिंदर निवासी तरनतारन को 2 जुलाई 2024 को पकड़ा गया था।
सूरज भंडारी है किंगपिन, 1.5 लाख रुपए लेता शुल्क
सीपी ने कहा कि सरगना सूरज भंडारी शस्त्र लाइसेंस तैयार करने के लिए प्रति ग्राहक 1.5 लाख रुपये शुल्क ले रहा था, जिसमें से आरोपी फोटोस्टेट दुकान के मालिक बलजीत को 5 हजार से 10 हजार रुपये कमीशन दिया जाता था, जबकि सेवा केंद्र के कर्मचारी हरपाल को 10 से 20 हजार रुपये मिलते थे। उन्होंने कहा कि वे क्यूआर कोड, होलोग्राम, टिकट और
डिजिटल हस्ताक्षर जोड़ते थे, उन्होंने कहा कि आरोपी सूरज भंडारी को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें तलाश कर रही हैं।
पुलिस स्टेशन गेट हकीमा में केस दर्ज
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एफआईआर नं.
101,11/6/24 को अमृतसर के पुलिस स्टेशन गेट हकीमा में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 417, 420,177, 465, 467, 469, 471 और 120 बी के तहत दर्ज किया गया था।
दोपहर को विस्तृत जानकारी देते हुए अमृतसर पुलिस कमिश्नर रंजीत सिंह ढिल्लों।
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