
अमृतसर,18 जुलाई:यूनिवर्सिटी शोध बिल को मंजूरी न देने पर पंजाब में सियासत एक बार फिर तेज हो गई है। दरअसल यूनिवर्सिटी शोध बिल, जोकि गवर्नर द्वारा 5 महीनों तक लटकाए जाने के बाद राष्ट्रपति को भेजा गया था, को मंजूरी न मिलने पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भाजपा पर तीखा हमला बोला है तथा कहा है कि यूनिवर्सिटियों के वाइस चांसलर को चुनने का हक सिर्फ मुख्यमंत्री के पास होना चाहिए, न कि गवर्नर के पास। सी.एम. ने कहा कि वाइस चांसलर को चुनने का हक सिर्फ इलेक्टिटड को होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द इस हम इस कैबिनेट मीटिंग करेंगे तथा इस पर विचार किया जाएगा।
सी.एम. ने भाजपा पर तीखा निशाना साधा
जिक्रयोग्य है कि कि 2023 में पंजाब सरकार द्वारा एक बिल लाया गया था, जिसके तहत पंजाब की 12 यूनिवर्सिटियों की शक्तियां गवर्नर से लेकर मुख्यमंत्री को दी गई थीं। लेकिन राष्ट्रपति द्वारा उक्त बिल को 5 महीने तक लटकाए रखा तथा बाद में इसे पारित होने के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया। लेकिन राष्ट्रपति द्वारा अब उक्त बिल को खारिज कर दिया गया है, जिसके बाद सी.एम. ने भाजपा पर तीखा निशाना साधा है। आपको बता दें कि इससे पहले गवर्नर द्वारा ही यूनिवर्सिटियों में वाइस चांसलरों की नियुक्तियां की जाती रही हैं। लेकिन अब पंजाब सरकार द्वारा इस पर एक शोध बिल लाने के प्रयास में है कि यूनिवर्सिटयों का चांसलर मुख्यमंत्री होना चाहिए न कि गवर्नर।
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