अमृतसर, 18 जुलाई :जिला प्रशासन द्वारा वर्ष 2008 में रेडक्रॉस की मदद से शुरू की गई पालना योजना 192 बच्चों की जान बचाने में सफल रही है। 18 जुलाई को दोपहर करीब 2 बजे एक नवजात बच्ची को पालने में रखा गया। बच्ची को तुरंत मेडिकल पार्वती देवी हॉस्पिटल रेफर किया गया और अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है।इस संबंध में जानकारी देते हुए डिप्टी कमिश्नर घनशाम थोरी ने बताया कि बच्चों को एलएपीए स्कीम के तहत स्वामी गंगा नंद भूरी वाले फाउंडेशन धाम में भेजने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी, जहां पहले भेजे गए बच्चों की तरह ही निर्धारित प्रक्रिया पूरी करने के बाद इन्हें सरकार, संस्था गोद लेकर जरूरतमंद परिवार को देगी।उन्होंने कहा कि रेड क्रॉस सोसायटी के सहयोग से शुरू की गई इस विशेष पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि 192 मासूमों की जान बचाने वाला यह पालना जहां बधाई का पात्र है, वहीं सच यह है कि अब तक पालने में आने वाले बच्चों में बड़ी संख्या में लड़कियां हैं। यह समाज के लिए संकेत है।
इस योजना के तहत 161 लड़कियां और 31 लड़के आये
उल्लेखनीय है कि पालने में बच्चे की जानकारी रेड क्रॉस कर्मियों को पालने के नीचे लगी घंटी से मिलती है और वे तुरंत पास के पार्वती देवी अस्पताल से बच्चे को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराते हैं। गौरतलब है कि पालने में पल रहे बच्चों की मेडिकल जांच पार्वती देवी अस्पताल में की जाती है और अस्पताल कोई शुल्क नहीं लेता है और बच्चों का सारा इलाज मुफ्त में किया जाता है। इसके बाद बच्चे का पालन-पोषण किया जाता है और उसे सरकार द्वारा घोषित संस्था लीगल एडॉप्शन एड प्लेसमेंट एजेंसी में स्थानांतरित कर दिया जाता है, जहां से जरूरतमंद परिवार सुरक्षित पालन-पोषण और बेहतर भविष्य की उम्मीद में बच्चे को गोद ले लेते हैं। पंघूरा योजना के तहत इन बच्चों के आने से अब तक बच्चों की संख्या 192 हो गई है। उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति बच्चा गोद लेना चाहता है तो वह अपना रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन वेबसाइट www.care.nic.in पर करा सकता है. रेड क्रॉस सोसायटी के कार्यकारी सचिव सैमसन मसीह ने बताया कि अब तक इस योजना के तहत 161 लड़कियां और 31 लड़के आये हैं।
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