अमृतसर, 22 जुलाई :खडूर साहिब से सांसद अमृतपाल सिंह की सांसदी को चुनौती दी गई है। इसको लेकर खडूर साहिब से ही आजाद उम्मीदवार रहे विक्रमजीत सिंह ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में 5 बातों को जिक्र किया गया है। विक्रमजीत ने मामले में निर्वाचन आयोग, पंजाब निर्वाचन आयोग के खर्च अधिकारी, पंजाब के चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर व खडूर साहिब लोकसभा क्षेत्र के रिटर्निंग ऑफिसर को पार्टी बनाया है। हाईकोर्ट में इस याचिका पर 6 अगस्त को सुनवाई होगी।
याचिका में इन 5 बातों को जिक्र
विक्रम सिंह ने अपनी याचिका में 5 बातों को आधार बनाया है। दलील दी है कि अमृतपाल सिंह ने अपने नामांकन दस्तावेज में कई जानकारियां छुपाई हैं। नॉमिनेशन पेपर अधूरा है। फंड, डोनेशन, खर्च की जानकारी छुपाई गई है। धार्मिक स्थानों का इस्तेमाल वोट मांगने के लिए किया गया है। बिना मंजूरी से चुनाव प्रचार सामग्री छपवाई गई। चुनाव आयोग की अनुमति लिए बिना सोशल मीडिया पर प्रमोशन की गई।
45 दिनों के भीतर जनप्रतिनिधि के निर्वाचन को चुनौती दी जा सकती
जनप्रतिनिधि एक्ट के तहत लोकसभा चुनाव के
बाद 45 दिनों के भीतर जनप्रतिनिधि के निर्वाचन को चुनौती दी जा सकती है। ऐसा ही एक मामला पूर्व पीएम इंदिरा गांधी यूपी की रायबरेली सीट से सांसद चुनी गई थीं। तब राजनारायण सिंह ने उनके निर्वाचन को चैलेंज किया था। इस फैसले के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्वाचन को रद्द कर दिया था। इसके बाद इंदिरा गांधी ने तुरंत इमरजेंसी घोषित कर दी थी। हाईकोर्ट जो बेंच गठित करेगा वह इलेक्शन ट्रिब्यूनल की तरह काम करेगा। अगर फैसला पांच साल की अवधि से पहले याचिकाकर्ता के हक में आता है तो
सांसदी रद्द हो सकती है।
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