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बायोरेमेडीएशन लगातार बंद रहने से भगतावाला कूड़े के डंप में 20 लाख मेट्रिक टन कूड़ा हो चुका एकत्रित

कूड़े के डंप का दृश्य।

अमृतसर,  22 अगस्त: भगतावाला कूड़े के डंप में पिछले लंबे अरसे से बायोरेमेडीएशन ना होने के कारणलगभग  20 लाख मैट्रिक टन कूड़ा एकत्रित हो चुका है। पंजाब सरकार को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल  (NGT) पहले ही 1026 करोड़ रूपया जुर्माना लगा चुकी है। नगर निगम ने डंप पर बायोरेमेडीएशन करने के लिए एक कंपनी को ठेका दिया हुआ है।जब कंपनी द्वारा बायोरेमेडीएशन करनी शुरू की गई थी उस वक्त कूड़े के डंप में लगभग 13 लाख मैट्रिक टन कूड़ा था। कंपनी द्वारा कुछ महीने तक डंप पर बायोरेमेडीएशन करके लगभग 3 लाख मैट्रिक टन कूड़े की बायोरेमेडीएशन की गई। पिछले लंबे अरसे से डंप पर बायोरेमेडीएशन बिल्कुल ही बंद पड़ी हुई है।इस वक्त डंप पर लगातार कूड़ा बढ़ता जा रहा है।

डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का बुरा हाल

नगर निगम ने कंपनी को सारे शहर का डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और कलेक्शन प्वाइंटों से कूड़ा उठाने का ठेका दे रखा है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने का इस वक्त बुरा ही हाल है। कंपनी द्वारा कूड़ा कलेक्शन करने के लिए 272 गाड़ियां और कलेक्शन प्वाइंट से कूड़ा उठाने के लिए कंपैक्टर रखने थे। इस वक्त  डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की मात्र 90 गाड़ियां ही चल रही है और कंपैक्टर तो नाम मात्र ही है। कंपनी के पास गाड़ियों में डीजल और सीएनजी भरवाने का भुगतान न होने के कारण कई बार पेट्रोल पंप मालिकों ने डीजल और सीएनजी देना बंद कर दिया जाता है।नगर निगम द्वारा कंपनी को एडवांस तौर पर भुगतान करने की एवज में सीधे तौर पर पेट्रोल पंप मालिकों को भुगतान करके कंपनी की गाड़ियों में डीजल और सीएनजी गैस डलवाई जाती है। तब जाकर गाड़ियां चलती हैं। इसके बावजूद भी नगर निगम कंपनी को प्रति महीने 1.5 करोड रुपए का भुगतान करती है।कंपनी शहर के कमर्शियल और रिहायशी क्षेत्र में भी प्रतिमाह 70 लाख रुपयो  से अधिक का कलेक्शन करती है। यह एक जांच का विषय है।

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