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हेल्थ केयर प्रोफेशनल कमेटी की हिंसा की रोकथाम समिति की पहली मीटिंग आयोजित

मीटिंग में उपस्थित अधिकारी।

अमृतसर,11 सितम्बर :हिंसा रोकथाम समिति की पहली बैठक एडीसी  (जे) ज्योति बाला मट्टू की अध्यक्षता में हेल्थ केयर प्रोफेशनल कमेटी की हिंसा की रोकथाम समिति की पहली मीटिंग  डिप्टी कमिश्नर अमृतसर के जिला प्रशासनिक परिसर कार्यालय में आयोजित की गई। इस बैठक में पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा की गई वीडियो कॉन्फ्रेंस के सभी एजेंडों को लागू करने को लेकर विचार-विमर्श किया गया।इस बैठक के दौरान सिविल सर्जन, अमृतसर डाॅ. डॉ. किरणदीप कोर, सहायक सिविल सर्जनडॉ. राजिंदर पाल कौर, निदेशक प्रिंसिपल, सरकारी मेडिकल कॉलेज, अमृतसर कुलतार सिंह, सहायक जिला अटॉर्नी प्रतिनिधि, पुलिस कमिश्नर अमृतसर शहरी प्रतिनिधि, वरिष्ठ पुलिस कप्तान, अमृतसर (ग्रामीण) प्रतिनिधि, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, सिविल अस्पताल, अमृतसर डॉ. स्वर्णजीत धवन, अध्यक्ष जिला आईएमए, अमृतसर,  डॉ. अतुल कपूर, पीसीएमएस के जिलाध्यक्ष सुमितपाल सिंह, संजीव कुमार, वरिष्ठ फार्मेसी अधिकारी पैरा मेडिकल स्टाफ, गुरदेव सिंह, एमपीएचसी प्रतिनिधि पैरा मेडिकल स्टाफ अमृतसर ने भाग लिया।इस बैठक के दौरान एडीसी द्वारा यह सुझाव दिया गया कि इस समिति में स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर कर्मचारियों से एक प्रतिनिधि लिया जाना चाहिए, जैसे कि स्टाफ नर्स, सुरक्षा के उचित प्रबंधन के लिए पास्को स्टाफ की मांग सिविल सर्जन के माध्यम से भेजी जानी चाहिए,  स्वास्थ्य पेशेवरों विशेषकर महिला कर्मचारियों के खिलाफ किसी भी प्रकार की हिंसा के लिए तत्काल कार्रवाई करने के लिए प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान में एक हेल्प डेस्क स्थापित की जानी चाहिए। सभी सरकारी एवं निजी नर्सिंग कॉलेजों में सीसीटीवी निगरानी सुनिश्चित की जाए। प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान में उस संस्थान की सुरक्षा स्थिति जानने के लिए एक सुरक्षा जांच सूची/प्रश्नावली भरी जाए। स्वास्थ्य संस्थानों की जांच उच्च अधिकारियों द्वारा समय-2 पर करायी जाय। छेड़छाड़ को रोकने के लिए प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थान में महिला उत्पीड़न समिति का गठन किया जाना चाहिए।

स्वास्थ्य कर्मियों के खिलाफ हिंसा की रिपोर्ट करने के लिए 112 पुलिस हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क किया जाना चाहिए

इस अवसर पर सिविल सर्जन डाॅ. किरणदीप कोर ने कहा कि स्वास्थ्य संस्थानों के अंतर्गत किसी भी संदिग्ध व्यक्ति की उपस्थिति का आभास होने पर तुरंत उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया जाए और यदि आवश्यक हो तो तुरंत पुलिस विभाग को हेल्पलाइन नंबर 112 पर सूचित किया जाए। यह हेल्प लाइन नंबर सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्थापित किया जाना चाहिए और कर्मचारियों को इस हेल्प लाइन नंबर के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। इसके साथ ही पुलिस विभाग को ऐसी सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया।आईएमए के प्रतिनिधियों और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधियों द्वारा सुझाव दिया गया कि स्वास्थ्य संस्थानों में मरीजों द्वारा अस्पतालों में तोड़फोड़ या क्षति की घटनाएं बढ़ रही हैं बढ़ रहे हैं। इसलिए पुलिस विभाग को ऐसी कोई भी सूचना मिलने पर तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं।

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