अमृतसर,1 नवंबर: डीएपी की कालाबाजारी को रोकने और किसानों को ठगने वाली कंपनियों के खिलाफ सरकार एक्शन मोड में है। अब पांच फ्लाइंग टीमें गठित की गई हैं। जो इस चीज पर नजर रखेगी। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां ने बताया कि ये टीमें खादों के अवैध भंडारण, कालाबाजारी और डीएपी सहित अन्य खादों के साथ अनावश्यक रसायनों की टैगिंग के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। वहीं, उन्होंने बताया कि अब गलत ब्रांडिंग करने वाली 91 कंपनियों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। तीन कंपनियों पर एफआईआर दर्ज की गईं है।
गलत ब्रांडिंग करने वाली 48 फॉर्म्स के लाइसेंस रद्द किए
कृषि विभाग द्वारा 1 अप्रैल से 31 अक्टूबर 2024 तक
विभाग ने कीटनाशकों के 2063 सैंपल लिए थे। इनकी
जांच के बाद प्राप्त परिणामों के आधार पर गलत ब्रांडिंग करने वाली 43 फॉर्म्स के लाइसेंस रद्द किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, रासायनिक उर्वरकों के 1751 सैंपल, बायो खादों के 100 सैंपल और जैविक खाद के 40 नमूने लिए गए। गलत ब्रांडिंग करने वाली 48 फॉर्म्स के लाइसेंस रद्द किए गए और उनके खिलाफ 3 एफआईआर दर्ज की गई।
वॉट्सऐप पर भी शिकायतें सुनेगी सरकार
डीएपी और कीटनाशक डीलरों की लूट से बचाने के लिए सरकार ने दो नंबर जारी किए थे। किसान हेल्पलाइन नंबर 1100 पर कॉल करके या फोन नंबर +91-98555-01076 पर वॉट्सऐप मैसेज भेजकर शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। कृषि मंत्री ने कहा गैर-जरूरी रसायनों को खादों के साथ टैग करके जबरन बेचना या खाद को अधिक कीमत पर बेचना या खाद की कालाबाजारी करना कानूनी जुर्म है, और ऐसी गलत कार्रवाइयों में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ फर्टिलाइजर कंट्रोल ऑर्डर, 1985 और आवश्यक वस्तुएं अधिनियम, 1955 की धाराओं के तहत सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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