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डीसी ने टीबी मरीजों के घर-घर तक उच्च प्रोटीन युक्त भोजन पहुंचाने के लिए वाहनों को हरि झडी दिखाकर किया रवाना

डिप्टी कमिश्नर  साक्षी साहनी वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करती हुई।

अमृतसर,2 जनवरी :जिला प्रशासन ने एक और कदम आगे बढ़ाते हुए जिले को टीबी मुक्त बनाने के लिए टीबी रोगियों को उच्च प्रोटीन युक्त आहार उपलब्ध कराने की पहल की है। जिसके तहत आज डीसी साक्षी साहनी ने टीबी मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान व पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री डा. बलबीर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग को टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को मुफ्त दवा, मुफ्त जांच और जांच की सुविधा दी जाती है। लेकिन जिला प्रशासन ने एक और कदम उठाते हुए टीबी मरीजों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान शुरू किया है। उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज सिर्फ दवाइयों से नहीं बल्कि पौष्टिक आहार से भी होता है, तभी टीबी का मरीज ठीक हो सकता है। उन्होंने कहा कि टीबी के मरीज का इलाज छह माह तक चलता है और प्रशासन ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक टीबी मरीज को छह माह तक मुफ्त पोषण आहार उपलब्ध करवाया जाए ताकि जिले को टीबी मुक्त बनाया जा सके।

वर्तमान में जिले में करीब 5000 टीबी रोगी हैं

डिप्टी कमिश्नर  ने बताया कि वर्तमान में जिले में करीब 5000 टीबी रोगी हैं, जिनमें से जिला प्रशासन ने 1700 रोगियों को गोद लेकर उन्हें निशुल्क भोजन उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा रेडक्रॉस और डेरा ब्यास ने सहमति जताई है कि वे शेष बचे टीबी मरीजों को गोद लेंगे और उन्हें पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाएंगे।

जिले को 2025 तक टीबी मुक्त बनाया जा सके

सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप कौर ने कहा कि अमृतसर का स्वास्थ्य विभाग ‘जन जन दा रखो ध्यान’, टीबी मुक्त भारत अभियान के सपने को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है ताकि जिले को 2025 तक टीबी मुक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि पौष्टिक भोजन के साथ-साथ टीबी रोगियों को जागरूक करने के लिए पैम्फलेट भी वितरित किए जा रहे हैं।

जिले में 11 टीबी यूनिट  तथा 21 माइक्रोस्कोपी सेंटर कार्यरत

इस अवसर पर जिला टीबी अधिकारी डा. विजय कुमार ने बताया कि जिले में 11 टीबी यूनिट कार्यरत हैं तथा इसके अलावा 21 माइक्रोस्कोपी सेंटर भी कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इन केन्द्रों में मरीजों को निःशुल्क जांच एवं निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं। ये केंद्र हैं सिविल अस्पताल अमृतसर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, गेट खजाना और बेरी गेट, उप-मंडल अस्पताल बाबा बकाला साहिब, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लोपोके, मनावाला, तरसिक्का, मजीठा, वेरका, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रामदास, राजासांसी, थिरीवाल, कथुनंगल, श्री गुरु रामदास मेडिकल कॉलेज और गुरु नानक देव अस्पताल, सिविल अस्पताल, सैटेलाइट अस्पताल सचिवालय बाग, बीबी कौलां चैरिटेबल अस्पताल काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 100 दिवसीय विशेष अभियान शुरू किया गया है। जिसके तहत अब तक 60 हजार लोगों का सर्वेक्षण किया जा चुका है और टीबी के लक्षण पाए जाने वाले मरीजों का तुरंत इलाज शुरू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि टीबी का इलाज संभव है, इसे छिपाएं नहीं बल्कि इसका इलाज कराएं। इस अवसर पर राज्य नोडल अधिकारी डॉ. जसकीरत सिंह, जिला मास मीडिया अधिकारी अमरदीप सिंह व अन्य स्टाफ मौजूद था।

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