
अमृतसर, 2 मार्च (राजन): नगर निगम के पास फंड न होने से विकास कार्य करवाने वाली ठेकेदार और कंपनियो द्वारा विकास कार्य रोक दिए गए हैं। इस वक्त विकास कार्य करवाने वाले ठेकेदारों और कंपनियो ने नगर निगम से करोड़ों रुपए लेना है। फंड न होने के कारण किसी का भी भुगतान नहीं हो पा रहा है। यहां तक कि पिछले लंबे अरसे से पीएमआईडीसी द्वारा नगर निगम को राशि नहीं भेजी जा रही है। नगर निगम द्वारा पिछले दो महीनो से दो बार पीएमआईडीसी को यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट (यू सी ) की कॉपी भेजी गई है। इसके बावजूद भी पीएमआईडीसी द्वारा नगर निगम को विकास कार्य करवाने के लिए राशि नहीं भेजी जा रही है।
जीएसटी की किस्त भी नहीं आ रही है
नगर निगम को पिछले काफी दिनों से जीएसटी की भी किस्त नहीं आ रही है। नगर निगम को प्रत्येक माह लगभग 18 करोड़ रुपयो से अधिक जीएसटी की किस्त आती है। जिससे नगर निगम अपने अधिकारियों और कर्मचारियों को वेतन दे पता है। नगर निगम द्वारा अपने दर्जा चार कर्मचारियों को फरवरी महीने का वेतन दे दिया था। किंतु दर्जा तीन, दर्जा दो,दर्जा एक अधिकारियों को फरवरी महीने का वेतन नहीं मिला है। नगर निगम को एमटीपी विभाग से आने वाला टैक्स की राशि भी लोकल बॉडी विभाग चंडीगढ़ में सीधे तौर पर जाती है। वहां से राशि नगर निगम अमृतसर को वापस मिलती है। नगर निगम अमृतसर की एमटीपी विभाग की राशि की किस्त भी लोकल बॉडी विभाग चंडीगढ़ से वापस नगर निगम को नहीं मिल रही है। यह सभी राशियां नगर निगम अमृतसर को न मिलने से इस वक्त नगर निगम अमृतसर की खस्ता हालत हुई हुई है।
सीवरेज वाटर सप्लाई कमर्शियल बिल पोर्टल में अपलोड नहीं
नगर निगम द्वारा सीवरेज वाटर सप्लाई बिल एम सेवा पोर्टल में अपलोड किया हुआ है। एम सेवा पोर्टल द्वारा ही सीवरेज वाटर सप्लाई बिल लिए जाते हैं। बड़ी ही विडंबना है कि पिछले 11 महीनो से सीवरेज वाटर सप्लाई कमर्शियल बिल एम सेवा पोर्टल में अपलोड नहीं हुए हैं। इसके साथ-साथ डिफॉल्टर पार्टियों के भी राशि पोर्टल में अपलोड नहीं हुई है। जिससे नगर निगम को करोड़ रुपयो का नुकसान हो रहा है। नगर निगम अमृतसर द्वारा पीएमआईडीसी को बार-बार लिखने के बावजूद भी सीवरेज वाटर सप्लाई कमर्शियल बिल पोर्टल में अपलोड ना हो पा रहे हैं।
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