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निगम अधिकारियों के लिए पोश एक्ट पर किया जागरूकता सैमिनार का आयोजन

सेमिनार दौरान उपस्थित अधिकारी।

अमृतसर,30 जुलाई(राजन):  अमृतसर नगर निगम द्वारा पोश एक्ट (कार्यस्थल में यौन उत्पीड़न की रोकथाम कानून 2013) पर एक जागरूकता सैमिनार का आयोजन किया गया। जिसमे गुरू नानक देव युनिवर्सिटी के लॉ विभाग की मुखी प्रोफेसर डा. मीनू चौपड़ा बतौर मुख्य वक्ता शामिल हुई। विंश्व बैंक और ए.आई.आई.बी के सहयोग से चलाए जा रहे पंजाब म्यूनिसिपल सर्वसिस इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट के तहत आयोजित इस ट्रेनिंग कार्यक्रम में निगम के अलग-अलग विभागों के अधिकारियों व स्टाफ, अमृतसर बल्क वाटर स्पलाई प्रोजेक्ट के अधिकारीयों और लार्सन एंड टूब्रो कंपनी के स्टाफ ने हिस्सा लिया।

सेमिनार दौरान उपस्थित अधिकारी।

दस से अधिक कर्मचारियों वाले कार्यस्थलों में पोश एक्ट के तहत नीति और कमेटी बनाना जरूरी

सैमिनार कि शुरूआत करके हुए डा. मौनिका सभरवाल ने बताया कि कामकाजी महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी होना आवश्यक है। क्योंकि अक्सर जानकारी के आभाव और सामाजिक दबाव में महिलाऐं कार्यस्थलों में यौन उत्पीड़न होने पर शिकायत नही कर पाती। वहीं पोश कानून के बारे में जानकारी देते हुए डा. मीनू ने बताया कि कोई भी कर्मचारी चाहे वो पक्के हो या कच्चे, कांट्रेक्ट में हो या कोई इंर्टन हो या घरों में घरेलू काम करने वाली महिलाओं पर भी पोश कानून लागू होता है। पोश कानून के तहत यह नियोक्ता की जिम्मेदारी होती है कि वो ऐसा माहौल बनाए की कार्यस्थल में किसी तरह का कोई यौन उत्पीड़न ना हो। कोई भी नियोक्ता जिसके यहां पर दस या दस से अधिक लोग काम करते हैं तो उन्हें यौन उत्पीड़न रोकने के लिए आंतरिक कमेटी का गठन करना जरूरी है, कर्मचारियों को पोश कानून के बारे में जागरूक करना होगा तथा कोई शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ता के बारे में पूरी गोपनियता रखी जाए।

तीन महीनों के भीतर आंतरिक कमेटी को शिकायत दर्ज की जानी चाहिए

मीनू सभरवाल ने बताया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न होने की स्थिती में तीन महीनों के भीतर आंतरिक कमेटी को शिकायत दर्ज की जानी चाहिए और कमेटी द्वारा 90 दिनों के भीतर शिकायत की जांच पूरी की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि अगर कर्मचारी मानसिक और शारीरिक तौर पर शिकयात दर्ज कर पाने की स्थिती में नही है तो पीड़ित का रिशतेदार, दोस्त, सहकर्मचारी, राषट्रीय या राज्य महिला आयोग का कोई अधिकारी या कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे घटना के बारे में जानकारी हो वह पीडित से लिखित में सहमती लेने के बाद आंतरिक कमेटी को शिकायत दे सकता है। उन्होंने साथ ही पुरूष कर्मचारियों को भी कार्यस्थल में महिलाओं के प्रति अपने व्यवहार में सावधानी बरतने में जोर दिया। इस मौके पर डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर नरेंद्रपाल सिहं, एलएंडटी के प्रोजेक्ट डायरेक्ट्र संजय सिहं, अश्वनी कुमार, सुखबीर सिहं आदि भी उपस्थित थे।

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