
अमृतसर, 23 सितंबर(राजन):आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक के दुरुपयोग से सचखंड श्री हरमंदिर साहिब से संबंधित एक गलत वीडियो बनाने का संज्ञान लेते हुए, एसजीपीसी अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने इसे सिख भावनाओं का हनन बताया है और सरकारों से इस तरह की घटना पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है। कार्यालय द्वारा जारी एक बयान में, एडवोकेट धामी ने कहा कि एआई तकनीक का उपयोग करके बनाए गए ऐसे वीडियो न केवल सिख धर्म के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन हैं, बल्कि दुनिया भर में धार्मिक संवेदनाओं को ठेस पहुँचाने वाला कृत्य भी हैं। उन्होंने कहा कि श्री दरबार साहिब सिख समुदाय का केंद्रीय स्थान है, जहाँ से पूरी मानवता को सार्वभौमिकता का संदेश मिलता है, लेकिन कुछ लोगों का गलत दृष्टिकोण श्रद्धालुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाता है।
एआई तकनीक का दुरुपयोग हो रहा है
शिरोमणि कमेटी अध्यक्ष ने कहा कि यह बेहद दुःख की बात है कि एआई तकनीक का दुरुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारों के साइबर अपराध प्रकोष्ठों की ज़िम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों को रोकने के लिए ठोस प्रयास करें। उन्होंने कहा कि एआई प्लेटफॉर्म पर गुरबाणी, सिख इतिहास और गुरमत के बारे में गलत जानकारी देने के मामलों को लेकर शिरोमणि कमेटी पहले ही विभिन्न प्लेटफॉर्म पर पहुँच चुकी है और कई वीडियो की रिपोर्ट करके उन्हें हटाया भी गया है। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। शिरोमणि कमेटी जल्द ही एक बैठक करके इस क्षेत्र में काम कर रहे लोगों और संस्थाओं का सहयोग मांगेगी ताकि धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाली ऐसी गतिविधियों को रोका जा सके।
ठोस नीति बनाकर इस प्रथा को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की
एसजीपीसी अध्यक्ष ने भारत सरकार से भी इस गंभीर मुद्दे पर गंभीरता दिखाने और ठोस नीति बनाकर इस प्रथा को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की अपील की। एसजीपीसी अध्यक्ष ने चिंता व्यक्त की कि कुछ लोग अपने पेजों पर ऐसे वीडियो पोस्ट करके यह बात फैला रहे हैं कि यह गलत है, जो और भी दुखद है। उन्होंने ऐसे लोगों से अपील की कि वे ऐसे वीडियो फैलाने के बजाय, उन्हें रिपोर्ट करें ताकि इसे रोका जा सके।
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