
अमृतसर,21 अक्टूबर: सोमवार रात 8 बजे के बाद दिवाली के पटाखों से हवा में घुला धुआं पंजाब के कई शहरों को दमघोंटू बना गया। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) में महज चार घंटों में तेज उछाल देखने को मिला और कई जिलों में स्थिति ‘गंभीर’ श्रेणी तक पहुंच गई। दिवाली की रात अमृतसर ‘ गैस चैंबर ‘ बन गया।आज भी दिवाली मनाई जा रही है। बंदी छोड़ दिवस पर भी आज पटाखे फोड़े जाएंगे। जिसके बाद आज भी प्रदूषण के स्तर में बहुत बड़ा उछाल देखने को मिल सकता है। अमृतसर में पटाखों के फूटते
ही यह 10 बजे 300 पार कर गया और 12 बजे के बाद 500 तक पहुंच गया, जो अत्यंत खतरनाक श्रेणी है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस स्तर का प्रदूषण सांस संबंधी और हृदय रोगियों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
सीमित समय के बाद भी रातभर हुई आतिशबाजी
पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा कि सीमित अवधि के
आतिशबाजी से भी हवा में सूक्ष्म धूलकणों की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक है। सरकार ने भी रात 8 बजे से 10 बजे तक आतिशबाजी का समय निर्धारित किया था। लेकिन पूरी रात आतिशबाजी हुई। ऐसी स्थिति बन चुकी है कि अब बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा.के मरीजों को इस स्थिति में घर के अंदर ही रहना चाहिए। लोगों को सुबह के समय बाहर टहलने या व्यायाम से बचने की सलाह दी है।
हालात अगले दो दिन तक गंभीर
मौसम विशेषज्ञों ने कहा है कि अगर हवाएं तेज नहीं चलीं, तो यह प्रदूषण परत अगले दो दिनों तक बनी रह सकती है। प्रदूषण बढ़ने के साथ पराली जलाने की घटनाओं ने भी स्थिति को और खराब कर दिया है। विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि प्रदूषण से बचाव के लिए मास्क पहनें और अस्वस्थ लोगों तथा बच्चों को बाहर जाने से बचाएं।
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