वाइस चांसलर प्रो. डॉ. करमजीत सिंह का एक साल पूरा

अमृतसर, 11 दिसंबर(राजन):आज गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी उस मुकाम पर खड़ी है जहां किताबों का ज्ञान हर नौजवान के हाथ में एक जलती मशाल बनकर पंजाब के भविष्य को रोशन कर रहा है।
प्रो. डॉ. करमजीत सिंह की अगुआई में सिर्फ एक साल में ही यह यूनिवर्सिटी उस सपने को सच कर रही है जिसमें विद्यार्थी सिर्फ डिग्री लेकर नहीं निकलता, बल्कि अपने साथ एक नया स्टार्टअप, नई तकनीक या समाज के लिए नया समाधान लेकर निकलता है। यह नई सुबह पंजाब के गांवों और सीमावर्ती इलाकों के नौजवानों के लिए भी उतनी ही चमक लेकर आई है।
एक साल पहले जब प्रो. डॉ. करमजीत सिंह ने पद संभाला था, तब उन्होंने कई बड़े सपने देखे थे जो आज सच होते दिख रहे हैं। 10 दिसंबर 2024 को उन्होंने कार्यभार संभाला था और आज उनके एक साल पूरे होने पर यूनिवर्सिटी के शिक्षक, कर्मचारी, अधिकारी और सभी एसोसिएशनों ने उन्हें दिल से बधाई दी है। टीचिंग, ऑफिसर और नॉन-टीचिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने विशेष रूप से शुभकामनाएं दीं।
प्रो. डॉ. करमजीत सिंह ने अपने लंबे शैक्षणिक करियर में हमेशा शिक्षा को समाज से जोड़ने पर जोर दिया है। उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड, बेस्ट बिजनेस एकेडमिक अवार्ड समेत कई बड़े सम्मान मिल चुके हैं।
वाइस चांसलर बनने के बाद उन्होंने नए कोर्स शुरू किए हैं जैसे:
– बी.टेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड मशीन लर्निंग (4 साल)
– एम.टेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एंड डाटा साइंस (2 साल)
– बैचलर ऑफ डिज़ाइन (इंटीरियर, प्रोडक्ट और एनिमेशन)
– 5 साल का इंटीग्रेटेड एम.एससी. इनवायरनमेंटल साइंस
– पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एआई, हिंदी पत्रकारिता, एम.कॉम डाटा एनालिटिक्स और बी.टेक रोबोटिक्स
ये कोर्स नौजवानों को नौकरी देने के साथ-साथ खुद का बिजनेस शुरू करने की ताकत भी दे रहे हैं।
रिसर्च में बड़ा उछाल
उन्होंने 100 पीएचडी फेलोशिप शुरू कीं (हर छात्र को हर महीने 8,000 रुपए)। नतीजा यह कि यूनिवर्सिटी का एच-इंडेक्स 173 तक पहुंच गया और स्कोपस में 11,331 से ज्यादा पेपर प्रकाशित हुए। पंजाब के पानी के संकट और बाढ़ नियंत्रण के लिए वर्कशॉप करवाकर सरकार को नीतिगत दस्तावेज भी सौंपा गया।
गांव और सीमा क्षेत्र के बच्चों के लिए
हर कोर्स में सीमावर्ती और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों के लिए 5% आरक्षण, बाढ़ प्रभावित गांवों को फीस में छूट और अजनाला क्षेत्र के एक गांव को गोद लेने जैसे कदम उठाए गए।
स्टार्टअप और उद्यमिता
गोल्डन जुबली सेंटर फॉर एंटरप्रेन्योरशिप को मजबूत किया। रोबोटिक्स, एआई और आईपीआर वर्कशॉप से 40 से ज्यादा स्टार्टअप बने, खासकर महिलाओं और वंचित वर्गों के। हाल ही में पाइटेक्स मेले में यूनिवर्सिटी के 8 नए उद्यमियों को सफलता मिली।
दुनिया भर में पहचान
– उज्बेकिस्तान, कनाडा और अमेरिका की यूनिवर्सिटीज़ के साथ MoU
– कैलिफोर्निया में पहला ऑफशोर कैंपस शुरू करने की मंजूरी
– अमेरिका-कनाडा दौरे से 20 लाख रुपए की स्कॉलरशिप मिली
इन्फ्रास्ट्रक्चर और समाज सेवा
नया कंप्यूट्रलाइज्ड कंप्यूटर सेंटर, लैब का नवीनीकरण, खालसा हेरिटेज सेंटर का विस्तार और एनिमल वेलफेयर सोसाइटी की स्थापना की गई। विद्यार्थियों को 13 लाख तक के पैकेज वाली नौकरियां और ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल भी मिला।
हाल ही में उन्हें “चेंजमेकर ऑफ द ईयर 2025” अवार्ड मिला। यूनिवर्सिटी ने संयुक्त राष्ट्र में 24 अक्टूबर को “डे ऑफ यूनिवर्सल कॉन्शसनेस” के रूप में मनाने का प्रस्ताव भी रखा।
अमृतसर को पवित्र शहर घोषित होने के बाद यूनिवर्सिटी ने “साफ़-सुथरा, हरा-भरा अमृतसर” मिशन शुरू किया है और पंजाब सरकार के साथ मिलकर पांच-सूत्री योजना बनाई है।
प्रो. डॉ. करमजीत सिंह की अगुआई में गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी अब सिर्फ डिग्री देने वाली जगह नहीं रही। यह वह जगह बन गई है जहां से निकलने वाला हर नौजवान नौकरी मांगने वाला नहीं, नौकरी देने वाला बनेगा।
यह नई सुबह सिर्फ एक यूनिवर्सिटी की नहीं, पूरे पंजाब की है।
आने वाले समय में पंजाब के गांव-शहरों के बच्चे एआई, रोबोटिक्स और स्टार्टअप में दुनिया की अगुआई करेंगे और गुरु नानक देव जी के “सर्बत दा भला” के संदेश को विज्ञान और तकनीक की भाषा में पूरी दुनिया तक पहुंचाएंगे।
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