अमृतसर, 15 सितंबर(राजन): डिप्टी कमिश्नर-कम-एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट गुरप्रीत सिंह खैहरा ने दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 144 के तहत निहित अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए, अमृतसर जिले के क्षेत्रों में पतंगबाजी में प्लास्टिक डोर की बिक्री, भंडारण और उपयोग पर रोक के आदेश जारी किए गए हैं।
आदेश में कहा गया है कि उनके संज्ञान में आया है कि पतंग उड़ाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली डोरी सूती धागे की जगह सिंथेटिक/प्लास्टिक से बनी होती है जो बहुत मजबूत, अविनाशी और अटूट होती है। उन्होंने कहा कि यह सिंथेटिक डोर पतंग उड़ाने के दौरान पतंग उड़ाने वालों के हाथ और उंगलियां काट देता है। यहां तक कि साइकिल चालकों और स्कूटर सवारों के गले और कान कट जाने, उड़ते हुए पक्षियों के फंसने और मरने की भी घटनाएं हुई हैं। इसके अलावा इस डोर में फंसे पक्षियों की मौत और पेड़ों पर उनके लटकने से भी दुर्गंध पर्यावरण को प्रदूषित करती है। इस प्रकार यह सिंथेटिक/प्लास्टिक की डोरी जब पतंग उड़ाने में प्रयोग की जाती है तो मानव जीवन और पक्षियों के लिए घातक सिद्ध होती है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए इस डोर के उपयोग को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। इसलिए यह प्रतिबंध लगाना जरूरी है। यह आदेश 03 नवंबर 2021 तक सख्ती से लागू रहेगा।
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