अमृतसर,23 सितंबर (राजन): नगर निगम ज्वाइंट कमिश्नर दीपजोत कौर के आदेश अनुसार निगम की लाइसेंस ब्रांच भी सक्रिय हो गई है। लाइसेंस ब्रांच का बजट में वार्षिक लक्ष्य 7.5 करोड़ रुपए है, जबकि लाइसेंस ब्रांच एक करोड़ रुपए दी पार नहीं कर पा रही है। शहर में 80 हजार से अधिक अदारे हैं, जिनका निगम लाइसेंस बना सकता है। लेकिन निगम के पास लगभग 17 हजार ही लाइसेंस धारक है। ज्वाइंट कमिश्नर के आदेशों अनुसार लाइसेंस ब्रांच के सेक्शनल हेड निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किरण कुमार द्वारा ब्रांच के सुपरिटेंडेंट लवलीन कुमार, चीफ सेनेटरी इंस्पेक्टर, सेनेटरी इंस्पेक्टर को लगातार लाइसेंस ब्रांच की आमदनी में बढ़ावा करने के लिए मीटिंग की जा रही हैं और डिफाल्टर पार्टियों को नोटिस भी निकाले जा रहे हैं। जिसके चलते आज लाइसेंस ब्रांच को होलीडे इन होटल से 2.65 लाख रुपए, पीएनबी बैंक वल्ला से 20 हजार रुपए, होटल नॉर्दन क्राउन मजीठा रोड से 33 हजार रुपए कंजर्वेंसी टैक्स एकत्रित हुए हैं। लाइसेंस ब्रांच को आज लगभग 26 हजार रुपए फुटकल लाइसेंसों का भी आया है। इस तरह से आज ब्रांच को 3.36 लाख रुपए एकत्रित हुए हैं।
लाइसेंस रिन्यू सीएफसी सेंटरों में करवाएं
निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किरण कुमार ने कहा कि शहर में जिन जिन आधारों के पहले लाइसेंस बन चुके हैं। वह अपना लाइसेंस और कंजर्वेंसी टैक्स निगम के मुख्य कार्यालय रंजीत एवेन्यू और निगम के समूह जोनल कार्यालय में स्थित सीएफसी सेंटरों में जमा करवाएं। इसके लिए बना हुआ पुराना लाइसेंस साथ लेकर आएं। उन्होंने कहा कि जिन जिन कमर्शियल अदारो का अभी तक लाइसेंस नहीं बना है, वह अपना नया लाइसेंस बनाने के लिए निगम मुख्य कार्यालय रंजीत एवेन्यू की ग्राउंड फ्लोर में कमरा नंबर 110 में अधिकारियों से संपर्क करें। नया लाइसेंस बनाने वाले अपने साथ अगर खुद मालिक हैं तो जगह की रजिस्ट्री, अगर किराएदार है तो किराए नामे की कॉपी, आधार कार्ड की कॉपी और अदारे की फोटो लेकर साथ आए।
कैंप लगाकर लेंगे लाइसेंस फीस
डॉ किरण कुमार ने बताया कि लाइसेंस ब्रांच द्वारा अब मार्केट में कैंप लगाकर भी बने हुए लाइसेंस धारकों से फीस ली जाएगी। अगर किसी ने नया लाइसेंस बनाना है तो भी उसका बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि अगले सप्ताह लॉरेंस रोड स्थित नेहरू शॉपिंग कंपलेक्स, हाल बाजार, कटड़ा जयमल सिंह, मच्छी मंडी, रंजीत एवेन्यू मार्केट में कैंप लगाए जा रहे हैं।
लाइसेंस ना भरने पर सीलिंग का भी है प्रावधान
लाइसेंस ना बनवाने और बने हुए लाइसेंसों की फीस ना भरने पर प्रॉपर्टी को सील करने का भी प्रावधान है। इसके लिए नगर निगम द्वारा लाइसेंस ना रिव्यू करवाने वालों को लगातार नोटिस भेजे जाते हैं। इसके बावजूद भी अगर कोई लाइसेंस फीस और कंजर्वेंसी अदा नहीं करता तो उस संस्थान को विभाग द्वारा सील भी किया जा सकता है। लाइसेंस विभाग ने कुछ संस्थानों को ऐसे नोट्स भेजें भी हुए हैं।
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