
अमृतसर,9 अप्रैल (राजन): पिछले वित्त वर्ष में अपने निर्धारित लक्ष्य से 16.50 करोड़ रूपया कम टैक्स एकत्रित होने पर नगर निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने इस पर कड़ा संज्ञान लिया है। प्रॉपर्टी टैक्स को शुरू हुए 10 साल पूरे हो चुके हैं। पिछले 10 वर्षों में शहर के बड़े-बड़े शॉपिंग मॉल, मल्टीस्टोरी कमर्शियल बिल्डिंग्स,एस सी ओ, बड़े-बड़े होटल, मैरिज रिजॉर्ट, शराब के ठेके अहातो वालों ने पिछले 10 वर्षों में प्रतिवर्ष जितना टैक्स बनता है, उससे काफी कम टैक्स भरा है। कईयों में तो टैक्स भरा ही नहीं है। हजारों की संख्या में सीलिंग नोटिस भी बांटे जा चुके हैं। जिसकी नगर निगम कमिश्नर संदीप ऋषि ने जांच करने के आदेश जारी किए हैं।
सही जांच हुई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे
निगम कमिश्नर द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि नोडल अफसर सचिव दलजीत सिंह, 5 जोनो के सुपरिटेंडेंट प्रतिदिन बड़ी-बड़ी 10 कमर्शियल बिल्डिंगो की मौके पर जाकर जांच करेंगे। इस जांच की प्रतिदिन रिपोर्ट निगम कमिश्नर को भेजेंगे। वैसे तो पिछले लंबे अरसे से प्रॉपर्टी टैक्स विभाग के अधिकारी अपनी-अपनी सीटों पर बैठे हुए हैं। कुछ एक के तो आपस में जोन ही बदले गए हैं। शहर की बड़ी-बड़ी बिल्डिंगों की जब प्रॉपर्टी टैक्स संबंधी सही जांच हुई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आएंगे। अगर किसी जोनल सुपरीटेंडेंट ने निगम कमिश्नर को जरा सी भी गलत रिपोर्ट दी, उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो सकती है। जोनल सुपरीटेंडेंटो द्वारा 30 अप्रैल तक कम से कम 100 बड़ी-बड़ी कमर्शियल बिल्डिंगों की जांच आसानी से की जा सकती है।
स्कूर्टनी केसों का भी नहीं हो पाया निपटारा
विभाग द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स कम भरने वालों को स्कूर्टनी के लिए नोटिस जारी किए हुए हैं।स्कूर्टनी केसों का भी पूरी तरह से निपटारा नहीं हो पाया। इसके साथ साथ पिछले कई महीने पहले भारी संख्या में बड़ी-बड़ी कमर्शियल बिल्डिंगों की फिजिकल जांच हो चुकी है, उनकी भी स्कूर्टनी केसों में सुनवाई की जाए तो करोड़ों रुपयों टैक्स आ सकता है। शहर के एक बड़े शॉपिंग मॉल को प्रॉपर्टी टैक्स विभाग द्वारा 32 करोड रुपयों से अधिक बकाया टैक्स भरने के लिए सीलिंग नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस के एवज में नगर निगम द्वारा अपनी सुनवाई के लिए हाईकोर्ट में कोविएट नहीं डाली गई। उस बड़े शॉपिंग मॉल वालों ने सिलिंग नोटिस पर हाईकोर्ट से अगस्त 2023 तक का स्टे ले लिया । जिस पर नगर निगम द्वारा हाईकोर्ट के स्टे के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट में एसपीएल दायर की गई। सुप्रीम कोर्ट ने इस एसपीएल को खारिज करते हुए आदेश जारी किए कि इस बारे पहले हाईकोर्ट जाए।
प्रॉपर्टी टैक्स सब कमेटी के किए निर्णय का भी टैक्स नहीं वसूला
पिछले नगर निगम हाउस द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स विभाग की सब कमेटी का गठन किया हुआ था। उस कमेटी के चेयरमैन पार्षद अश्विनी काले शाह द्वारा भी अक्सर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि सब कमेटी द्वारा काफी संख्या में टैक्सों को लेकर केसों का निपटारा किया गया था। उन मे से
कॉफी केसों का टैक्स वसूला ही नहीं गया। अगर इन फाइलों को भी खंगाला गया तो नगर निगम को भारी भरकम टैक्स आ सकता है।
नगर निगम में अटकलों का बाजार गर्म
निगम कमिश्नर संदीप ऋषि द्वारा प्रॉपर्टी टैक्स विभाग को जारी किए गए आदेशों पर नगर निगम में अटकलों का बाजार गर्म है। ऐसी चर्चाएं हो रही है,प्रॉपर्टी टैक्स माफिया बहुत ही मजबूत है। इन पर कार्रवाईया नहीं हो सकती हैं। अगर सख्त कार्रवाई हुई तो इन अटकलों पर विराम लग जाएगा।
निगम कमिश्नर द्वारा जारी किए गए आदेश


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