
अमृतसर,7 फरवरी(राजन): नगर निगम कमिश्नर हरप्रीत सिंह ने गौंसाबाद राम तीर्थ रोड और खापरखेड़ी सन साहिब रोड पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की औचक जांच की और वहां किए गए काम की क्षमता और गुणवत्ता की जांच की, लेकिन यह असंतोषजनक पाया गया। दौरे के समय एसई संदीप सिंह, एसई लता चौहान, एक्सईएन मंजीत सिंह और जेई नरिंदर बेदी भी वहां थे। पंजाब वॉटर सप्लाई शिव बोर्ड के एक्सईएन मनिंदर सिंह को मौके पर बुलाया गया, जिन्होंने कमिश्नर हरप्रीत सिंह को STPs के कामकाज के बारे में जानकारी दी, लेकिन संयंत्रों की वास्तविक स्थिति तथ्यों से परे थी।कमिश्नर हरप्रीत सिंह ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि एनजीटी और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के दिशानिर्देशों के अनुसार, जैयका परियोजना के तहत अमृतसर में 3 एसटीपी का निर्माण किया गया है और इन संयंत्रों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी पंजाब वॉटर सप्लाई सीवरेज बोर्ड को सौंपी गई है। सभी एसटीपी का निर्माण मेसर्स शापूरजी पालोनजी द्वारा 5 वर्षों के रखरखाव के साथ किया गया है, जिसकी अवधि मार्च, 2024 तक समाप्त होने वाली है। नगर निगम का काम केवल इसके रख-रखाव के लिए भुगतान करना है। इन एसटीपी की औचक जांच करने पर पाया गया कि 70% मशीनरी को तत्काल मरम्मत की आवश्यकता है और इन एसटीपी की कार्य क्षमता औसत से कम थी। कमिश्नर ने कहा कि एसई ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस को तदनुसार एक रिपोर्ट तैयार करने और जिम्मेदारी और क्षति तय करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि सरकार को तथ्यों से अवगत कराया जा सके।
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