अमृतसर, 22 अगस्त: पंजाब सरकार ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की मदद से 8 सरकारी कॉलेजों को ऑटोनोमस कॉलेजों के रूप में अपग्रेड करने के फैसले को बदल दिया है। पंजाब सरकार की तरफ से इस फैसला बदले जाने का विरोध शुरू हो गया था। विपक्ष ने भी आम आदमी पार्टी सरकार की शिक्षा रणनीति पर सवाल उठाए थे। पंजाब सरकार ने गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स लुधियाना, एससीडी गवर्नमेंट कॉलेज लुधियाना, सरकारी मोहिंदरा कॉलेज पटियाला, गवर्नमेंट कॉलेज फॉर गर्ल्स पटियाला, स्वरूप रानी गवर्नमेंट कॉलेज फॉर वुमेन अमृतसर और मोहाली, मलेरकोटला व होशियारपुर के सरकारी कॉलेजों का दर्जा बदलने की प्लानिंग शुरू की थी।इन सभी 8 कॉलेजों को अपने प्रस्ताव निदेशक सीनियर सेकेंडरी एजुकेशन कार्यालय को भेजने को कहा जा चुका था। फिर इन प्रस्तावों को “कॉलेजों को ऑटोनोमस दर्जा प्रदान करना और मानकों के रखरखाव के उपाय ” विनियम, 2023 के तहत अंतिम विचार के लिए यूजीसी को भेजने की बात कही गई थी।
शिक्षा में क्या होना था बदलाव
ऑटोनोमस का मतलब यह होता है कि ये कॉलेज संबद्ध विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना मौजूदा पाठ्यक्रमों की समीक्षा करने और नए पाठ्यक्रमों को फिर से डिजाइन करने के लिए स्वतंत्र होते हैं। इन कॉलेजों को फीस संरचना तय करने की भी आजादी होती है।
विपक्ष ने सरकार को घेरा था
पंजाब सरकार के इस फैसले की जानकारी सामने मिलने के बाद विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया था। विपक्ष के नेताओं ने पंजाब सरकार को उनकी शिक्षा नीति को लेकर घेरा था। उनका कहना था कि आप शिक्षा व सेहत के मुद्दे के आधार पर सत्ता में आई थी, लेकिन सरकारी कॉलेजों का स्टेटस बदलने के बाद गरीब फीस भी नहीं दे पाएगा।
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