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अमृतसर,20 फरवरी(राजन गुप्ता): नगर निगम का प्रत्येक विभाग अपनी निर्धारित की गई आमदनियों से काफी पीछे चल रहे हैं। इस वक्त भी नगर निगम का खजाना लगभग खाली पड़ा हुआ है। जिससे नगर निगम विकास कार्य करवाने वाले ठेकेदारों का भी भुगतान नहीं कर पा रहा है। जीएसटी की किस्त ना आने पर निगम द्वारा अपने अधिकारियों को वेतन भी नहीं दे पाया है। नगर निगम की आमदनी का मुख्य स्रोत जीएसटी है। निगम को इस बार पूरे वित्त वर्ष में जीएसटी का लक्ष्य 215 करोड़ रुपए है।
निगम के विभागों की आमदनी का लक्ष्य और प्राप्त हुई आमदनी
निगम के प्रॉपर्टी टैक्स विभाग का साल 2024 -25 वित्त वर्ष में 50 करोड़ रुपए लक्ष्य रखा हुआ है। निगम को आज तक(20 फरवरी) 33.22 करोड रुपए एकत्रित हुए हैं। वाटर सप्लाई सीवरेज का लक्ष्य 17 करोड़ रुपए निर्धारित किया हुआ है, इस विभाग ने भी आज तक लगभग 5.32 करोड़ रुपए एकत्रित किए हैं। निगम के विज्ञापन विभाग का इस वित्त वर्ष में 14 करोड़ रुपए लक्ष्य रखा हुआ है, इस विभाग ने भी आज तक 10.94 करोड़ रुपए एकत्रित किए हैं। लाइसेंस विभाग का वार्षिक लक्ष्य 3.75 करोड़ रुपए रखा हुआ है, इस विभाग द्वारा भी अब तक लगभग 1.15 करोड़ रुपए ही एकत्रित किए गए हैं। नगर निगम के लैंड विभाग का वार्षिक लक्ष्य सेल ऑफ लैंड 10.50 करोड़ रुपए है, निगम द्वारा इस वित्त वर्ष में अपनी कोई भी जमीन नहीं बेचीं है। इसी तरह से लैंड विभाग का किराए का लक्ष्य 4.20 करोड़ रुपए है, निगम को अब तक 47 लाख रुपए किराया एकत्रित हुआ है, लैंड विभाग की तहबजारी का वार्षिक लक्ष्य 3.60 करोड़ रुपए है, निगम को तहबजारी के एवज में मात्र 29 लाख रुपए एकत्रित हुए हैं। नगर निगम को सबसे अधिक एमटीपी विभाग के बिल्डिंग फीस, डेवलपमेंट चार्जेस से 80.25 करोड़ रुपए लक्ष्य निर्धारित है, यह विभाग भी निर्धारित आमदनी के पीछे चल रहा है। इस वित्त वर्ष में मात्र 38 दिन शेष बचे हुए हैं।
निगम अधिकारियों को निर्धारित आमदनी का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए दिए आदेश
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नगर निगम कमिश्नर गुलप्रीत सिंह औलख ने कहा कि निगम अधिकारियों को अपनी अपनी निर्धारित की गई आमदनी के लक्ष्य प्राप्त करने के आदेश जारी किए हुए हैं। उन्होंने कहा कि विशेष कर प्रॉपर्टी टैक्स विभाग प्रत्येक जोन के अधिकारियों को टारगेट दिए हुए हैं। उन्होंने बताया कि वाटर सप्लाई सीवरेज एम सेवा पोर्टल में कमर्शियल और डिफाल्टर पार्टियों के बिल अपलोड ना होने के कारण इस विभाग की आमदनी कम आ रही है। इस पोर्टल को अपलोड करने के लिए लिखित तौर पर पीएमआईडीसी को लिखा हुआ है। उन्होंने बताया कि सेल आफ लैंड नगर निगम जनरल हाउस की मीटिंग में मंजूरी के बाद ही हो पाएगी।
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