
अमृतसर, 21 अप्रैल(राजन):पंजाब के मुख्य पारदर्शिता एवं जवाबदेही आयुक्त वी.के. जंजुआ ने सेवा केंद्रों के माध्यम से लोगों को दी जा रही सेवाओं के संबंध में जिला अधिकारियों के साथ प्रशासनिक परिसर में समीक्षा बैठक करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार द्वारा लोगों को विभिन्न सेवाएं प्रदान करने के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की गई है और अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि सेवाएं निर्धारित समय सीमा के भीतर प्रदान की जाएं। बैठक को संबोधित करते हुए वी.के. जंजुआ ने कहा कि पहला सेवा का अधिकार अधिनियम पारित किया गया, जिसके तहत कोई भी व्यक्ति सरकार द्वारा संचालित सेवाएं ऑनलाइन प्राप्त कर सकता है और ये सेवाएं निर्धारित समय के भीतर प्रदान की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को ये सेवाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से पारदर्शिता एवं जवाबदेही अधिनियम-2018 अस्तित्व में लाया गया है। जिससे सरकारी सेवाओं की गति और तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उक्त अधिनियम में और अधिक अपडेट किए जा रहे हैं ताकि लोगों को सरकारी सेवाओं का लाभ निर्धारित समय में मिल सके।
निर्धारित दिनों के भीतर सेवाएं उपलब्ध न कराने पर अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी

जंजुआ ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि सेवाएं देने में देरी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी तथा उनके खिलाफ आरोप पत्र भी दायर किया जा सकता है। इसके साथ ही प्रति मामले 5,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई व्यक्ति किसी सेवा के लिए ऑनलाइन आवेदन करता है तो अधिकारी उसके आवेदन पर केवल एक बार ही आपत्ति कर सकता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा ऑनलाइन सेवाएं प्रदान करने का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि लोगों को कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़ें और वे घर बैठे ही सरकारी सेवाओं का लाभ प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि बैठक में निगम, पुलिस और जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए कि वे सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सेवाओं की समय सारिणी कार्यालयों के बाहर प्रदर्शित करें ताकि लोगों को इन सेवाओं के निर्धारित समय के बारे में जानकारी हो सके।
लंबित सेवाओं का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए जाते हैं

बैठक को संबोधित करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त ज्योति बाला ने कहा कि वे हर सप्ताह सभी विभागों की लंबित सेवाओं की समीक्षा करते हैं तथा संबंधित विभागों को लंबित सेवाओं का जल्द से जल्द समाधान करने के निर्देश दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी याचिकाकर्ता को निर्धारित दिनों के भीतर सेवाएं प्राप्त नहीं होती हैं तो वह 145 नंबर पर शिकायत कक्ष में अपनी अपील या शिकायत दर्ज कराकर रसीद प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा कोई भी आवेदक सेवाएं उपलब्ध न होने की स्थिति में connect.gov.in पर अपील भी दायर कर सकता है।
यह अधिकारी भी रहे मौजूद
बैठक के दौरान जिला तकनीकी समन्वयक प्रिंस सिंह ने भी सेवा केंद्रों के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं के बारे में विस्तार से बताया तथा बताया कि सेवा केंद्रों में निर्धारित सीमा के भीतर लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। इस बैठक में नगर निगम कमिश्नर गुलप्रीत सिंह औलख, एसएसपी ग्रामीण मनिंदर सिंह, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) ज्योति बाला, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (शहरी विकास) मेजर अमित सरीन, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ग्रामीण विकास) परमजीत कौर, सहायक कमिश्नर गुरसिमरनजीत कौर, एसडीएमएस अमृतसर मनकंवल सिंह चाहल व गुरसिमरन सिंह ढिल्लो, एसडीएम अजनाला रविंदर सिंह अरोड़ा, एसडीओएम लापोके अमनदीप कौर, एसडीएम मजीठ खुशप्रीत सिंह, आरटीए खुशपाल सिंह, डीसीपी विजय आलम सिंह, सिविल सर्जन डॉ. किरणदीप कौर के अलावा विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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