
अमृतसर, 31 जुलाई (राजन): पंजाब के डीजीपी गौरव यादव द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अमृतसर पुलिस कमिश्नरेट की पुलिस ने अवैध फार्मा ओपिओइड आपूर्ति नेटवर्क को एक बड़ा झटका देते हुए, अमृतसर में 35 गोलियों की एक छोटी सी बरामदगी से शुरू हुई ट्रामाडोल आपूर्ति श्रृंखला का पर्दाफाश किया है, जो हरिद्वार, उत्तराखंड में एक स्थित एक दवा निर्माण इकाई तक ट्रेस किया है। डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि यह कार्रवाई एक मामूली सी बरामदगी 35 टैबलेट्स मिलने से शुरू हुई थी।परत-दर-परत खुलासों और ताबड़तोड़ छापेमारी के आधार पर पुलिस ने इस अवैध नेटवर्क की जड़ें हरिद्वार तक पहुंचकर बड़ा खुलासा किया।
6 लोगों को किया गया गिरफ्तार
जांच के दौरान अब तक कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें स्थानीय केमिस्ट, वितरक और ल्यूसेंट बायोटेक लिमिटेड नामक दवा कंपनी का प्लांट हेड शामिल है।आगे की जाँच जारी है। आरोपियों से 70 हजार से ज़्यादा ट्रामाडोल गोलियाँ, 7.65 लाख की ड्रग मनी, ट्रामाडोल का 325 किलोग्राम कच्चा माल बरामद किया गया है। सभी आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है।
बिना लेबल की ट्रामाडोल की 4,130 गोलियाँ और 325 किलोग्राम अवैध कच्चा माल किया बरामद
पुलिस कमिश्नर अमृतसर (सीपी) गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि अमृतसर पुलिस और ड्रग इंस्पेक्टरों की एक संयुक्त टीम ने हरिद्वार के रुड़की स्थित फार्मा कंपनियों पर छापेमारी की, जहाँ से बिना लेबल की ट्रामाडोल की 4,130 गोलियाँ और 325 किलोग्राम अवैध कच्चा माल बरामद किया गया। उन्होंने कहा कि यह बरामदगी पूर्व में ज़ब्त की गईं 70,335 गोलियों और 7.69 लाख रुपये की ड्रग मनी के अतिरिक्त है। पूछताछ के दौरान आरोपी हरी किशोर ने स्वीकार किया कि उसने निर्माण यूनिट में ट्रामाडोल टैबलेट ‘ट्राके़मी-100’ की पट्टियों पर “केवल सरकारी आपूर्ति – बिक्री के लिए नहीं” छपवाया था और अब उस मुहर को नष्ट कर दिया है। उसने यह भी स्वीकार किया कि एक अन्य फार्मा कंपनी के लिए तैयार की गई ट्रामाडोल टैबलेट की अवैध सप्लाई रिकाल लाइफसाइंसेज़, रुड़की को बेची गई थी।
नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान कर ली गई है
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि इस फार्मा ओपिओइड सप्लाई नेटवर्क में शामिल अन्य लोगों की भी पहचान कर ली गई है और उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।इस संबंध में थाना ए-डिवीजन, अमृतसर में एफआईआर नंबर 108 दिनांक 16-07-2025 को एनडीपीएस एक्ट की धारा 22, 27(ए), 29 और 31 तथा भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 223 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है।
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