दाहिया ने एस.एस.पी. होते नागरिकों द्वारा सबूत देने के बावजूद शराब माफिया विरुद्ध कारवाई करने से इंकार कियाः बिक्रम मजीठिया
अमृतसर, 11 अगस्त (राजन): शिरोमणि अकाली दल ने आज मांग की कि अमृतसर देहाती के एस.एस.पी. ध्रुव दाहिया के एस.एस.पी. तरनतारन होते जहरीली शराब के साथ 100 से अधिक मौते हो जाने के मामले में उसकी भूमिका को लेकर सी.बी.आई. द्वारा उनके विरुद्ध केस दर्ज करके इसकी जांच की जाए।
प्रैसवार्ता को संबोधित करते पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया और पूर्व मुख्य पार्लीमानी सचिव विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि इस पुलिस अधिकारियों ने लोगों की तरफ से सबूत देने के बावजूद शराब माफिया विरुद्ध कार्यवाई करने से इंकार कर दिया था, जिसके चलते उनको निलंबत या नौकरी से बर्ख़ास्त किया जाना चाहिए था परन्तु इसकी जगह उसको एस.एस.पी. अमृतसर देहाती लगा कर एक ओर इनाम दिया गया। उन्होंने कहा कि पंजाब के डी.जी.पी. दिनकर गुप्ता बताएं कि ध्रुव दाहिया उन का चहेता क्यों है और वह यह भी बताएं कि तीसरी बार एस.एस.पी लग कर दाहिया ने कौन सा पुलिस वाला काम किया है।
बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि एस.एस.पी के कांग्रेस के शराब माफिया के साथ संबंधों का पता लगाना सिर्फ़ सी.बी.आई. जांच के साथ ही संभव है और यदि ऐसा होता है तो फिर दाहिया के सिर्फ़ चंडीगढ़ ही नहीं बल्कि 10 जनपथ के साथ संबंधों का भी पता लग जायेगा।
अकाली नेता ने कहा कि दाहिया वही अधिकारी है जिसने 2019 में फादर एंटनी की रिहायश पर दिन दिहाड़े डाका मारा था और उसको चुनाव कमिशन ने एस.एस.पी खन्ना के तौर पर तबदील कर दिया था। उन्होंने कहा कि इस के इलावा उस पर खन्ना पुलिस की तरफ से मारे छापे दौरान 7 करोड़ रुपए का घोटाला करने के इलावा खन्ना पुलिस की तरफ से छापे दौरान लोगों को नाजायज हिरासत में रखने का आरोप भी लगा था और इसको विभागीय जांच दौरान भी दोषी पाया गया था। उन्होंने कहा अदालत में यह भी साबित हो गया था कि दाहिया ने झूठ बोला कि पैसा ऑपरेशन ‘नाका’ दौरान बरामद हुआ था। उन्होंने कहा कि पुलिस की तरफ से दाहिया की ग़ैर कानूनी निगरानी में पकड़े 16.66 करोड़ रुपए में से 1.50 करोड़ रुपए का कोई पता नहीं लगा परन्तु इस सब के बावजूद उसके खिलाफ कार्यवाई किए जाने की जगह उसको एस.एस.पी तरनतारन लगाया गया।
बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि खन्ना में तैनाती समय भी दाहिया पर पुलिस कैटों और टाऊटों को ग़ैर संविधानिक ताकतें देने का आरोप लगा था और इनमें से एक बब्बू बारांबोर ने फादर एंटनी की रिहायश से नगदी ‘ज़ब्त’ किए की निगरानी की थी। उन्होंने कहा कि तरनतारन के निवासियों ने भी इसके पास शिकायत की और नाजायज शराब बनाने वालों के पते और ज़हरीली शराब स्पलाई करन वाले वाहनों की जानकारी देने के बावजूद दाहिया ने मामले में कोई भी कार्यवाई करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे दाहिया की इस सभी घोटाले में सम्मिलन का पता चलता है और उसके खिलाफ सख़्त कार्यवाई की जानी चाहिए। सीनियर अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा ने कहा कि तरनतारन पुलिस ने लोगों की तरफ से बताई नाजायज फैक्ट्री ख़िलाफ़ कार्यवाही तब की जब ज़हरीली शराब की त्रासदी घटित हो गई और पुलिस ने 31500 लीटर लाहन और 350 बोतलों अवैध शराब पकड़ी।
मजीठिया ने इस दौरान कांग्रेस सरकार को कहा कि वह अपने सहयोगियों की डिस्टिलरियों जिन्होंने शराब माफिया को नाजायज सपिरट स्पलाई की जिस कारण ज़हरीली शराब त्रासदी घटित हुई, से लोगों का ध्यान एक तरफ़ करने की कोशिश न करे। उन्होंने कहा कि सरकार देसी शराब निकालने वालों ख़िलाफ़ कार्यवाई इसलिए कर रही है जिससे डिस्टिलरियों के मालिक अपना काम संभाल लें। उन्होंने कहा कि पिछले एक हफ्ते में ही बड़ी मात्रा में लाहन का पकड़ा जाना संकेत देता है कि सरकार ने पहले यह शराब निकालने वालों ख़िलाफ़ कार्यवाई नहीं की।