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नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार पर एक बार फिर उठाए सवाल !

सिद्धू ने कहा ड्रग्स पर एसटीएफ की रिपोर्ट सार्वजनिक हो, कोटकपूरा फायरिंग मामले में सैनी की ब्लैंकेट जमानत के खिलाफ एसपीएल क्यों नहीं दाखिल की गई ?

अमृतसर,26 नवंबर (राजन):पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को एक बार फिर राज्य में अपनी पार्टी की सरकार पर सवाल उठाते हुए पूछा कि शीर्ष अदालत में पूर्व डीजीपी सुमेध सिंह सैनी की ब्लैंकेट जमानत के खिलाफ एसपीएल (याचिका)क्यों नहीं दायर की ?

नवजोत सिंह सिद्धू ने शुक्रवार को अमृतसर मे पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर भी कटाक्ष किया कि उन्होंने भी इस मुद्दे को नहीं उठाया। नवजोत सिद्दू ने कहा पूर्व डीजीपी सैनी 2015 में पंजाब के फरीदकोट में एक धार्मिक ग्रंथ के अपमान का विरोध कर रहे लोगों पर कथित रूप से पुलिस फायरिंग से जुड़े एक मामले में आरोपी हैं।

सिद्धू ने बेअदबी के मामलों में न्याय के लिए उठाए गए कदमों और नशीली ड्रग के मुद्दे पर एसटीएफ की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने पर सरकार से सवाल किया। “मैं नियमित रूप से रिमाइंडर देता रहता हूं।

सिद्धू ने कहा कि पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि कोटकपूरा पुलिस फायरिंग की घटना की जांच छह महीने के भीतर पूरी की जानी चाहिए, जो बीत चुके हैं।

“मेरे सहित हर कोई पूछता है कि सरकार की मंशा क्या है। सैनी को ब्लैंकेट जमानत मिली तो क्या आपने एसएलपी दाखिल की? 10 सितंबर को, उन्हें एक ब्लैंकेट जमानत मिली ”उन्होंने अपनी पार्टी की सरकार पर सवाल उठाया।

ड्रग्स पर स्पेशल टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर उन्होंने राज्य सरकार से पूछा कि इसे सार्वजनिक करने से किसने रोका!

उन्होंने जोर देकर कहा कि जब राज्य सरकार द्वारा कोई अच्छा काम किया जाता है तो वह सराहना करते हैं।एक सवाल के जवाब में सिद्धू ने कहा कि पार्टी इकाई और राज्य सरकार के बीच अच्छा तालमेल है, हालांकि उन्होंने कहा कि वह सार्वजनिक मुद्दों को उठाते रहेंगे।

सिद्धू ने कहा कि उन्होंने बिजली, पेट्रोल डीजल और रेत की कीमतों में कमी की बात की थी, जिसे अब कम कर दिया गया हैनवजोत सिंह सिद्धू ने कहा उच्च न्यायालय ने अप्रैल में 2015 कोटकपूरा गोलीबारी की घटना में पंजाब पुलिस की एसआईटी द्वारा जांच को रद्द कर दिया था।अदालत ने तत्कालीन आईपीएस अधिकारी कुंवर विजय प्रताप सिंह की अध्यक्षता वाली एसआईटी द्वारा जांच को रद्द कर दिया था। बाद में कुंवर विजय प्रताप ने समय से पहले सेवानिवृत्ति ले ली। आदेश के बाद इस साल 7 मई को नई विशेष जांच टीम का गठन किया गया था। नई एसआईटी का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एलके यादव ने किया। राज्य ने 2015 में फरीदकोट में इस मुद्दे पर विरोध कर रहे लोगों पर गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उसके बाद पुलिस की गोलीबारी से संबंधित घटनाओं को देखा था। पुलिस फायरिंग की एक घटना कोटकपूरा में और दूसरी फरीदकोट के बहबल कलां में हुई।

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