
अमृतसर,4 जून (राजन): शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की कार्यकारी समिति की शनिवार को बैठक हुई। इस दौरान कई अहम निर्णय लिए गए। साथ ही राज्य में बिगड़ रही कानून व्यवस्था की स्थिति पर पंजाब सरकार की निदा की गई। इसमें यह निर्णय लिया गया कि दरबार साहिब आने वाले वीआइपी, सरकार के अधिकारियों को गुरुघर में अब सिरोपा भेट कर सम्मानित नहीं दिया जाएगा। हालांकि केवल मैनेजर साहिब के कमरे में ही सम्मान दिया जाएगा। एसजीपीसी प्रधान हरजिदर सिंह धामी ने कहा कि अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह की कभी सुरक्षा वापस ले ली जाती है और कभी लौटा दी जाती है। इसे पंजाब सरकार मजाक न समझे। एसजीपीसी ने उन्हें सुरक्षा प्रदान कर दी है।एसजीपीसी की ओर से अमृतधारी बच्चों को स्कालरशिप के तौर पर पैसे दिए जाते हैं। धार्मिक परीक्षा में अव्वल रहने वालें बच्चों को पैसे दिए जाते हैं। इसी के तहत अब छठी से दसवीं कक्षा तक के बच्चों को 3100 रुपये, 11वीं व 12वीं वालों को पांच हजार रुपये, स्नातक वालों को आठ हजार और स्नातकोत्तर वालों को 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। वहीं पंजाब से बाहर सिख बच्चों की फीस पूरी दी जाती है। इसके तहत आंध्र प्रदेश में 86 बच्चों का आठ लाख रुपये अदा किया जाएगा। छत्तीसगढ़ में 70 बच्चों का सात लाख रुपये दिया जाएगा। मीटिग में जत्थेदार तोता सिंह, पाकिस्तान में जिन सिख व्यापारियों की हत्या की गई, उन्हें भी श्रद्धांजलि दी गई। बैठक में जत्थेदार जोगिदर सिंह की तस्वीर अजायब घर में लगाने का फैसला किया गया।
प्रधान हरजिंदर धामी ने कहा कि श्री दरबार साहिब में ब्लू स्टार की बरसी को समर्पित अखंड पाठ शुरू करवाए गए हैं। इनके भोग छह जून को डाले जाएंगे। उन्होंने कहा कि बंदी सिखों की रिहाई के लिए 11 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। इस संबंधी प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, दिल्ली और कर्नाटक के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मुलाकात के लिए समय देने की मांग की है लेकिन कहीं से भी अभी तक जवाब नहीं मिला है।