प्रत्येक क्षेत्र में उपग्रह से रखी जा रही है नजर
अमृतसर, 26 सितंबर (राजन): जिले में शुरू हो चुके सीजन के दौरान किसानों को झोने की पराली को साड़ने से रोकने के लिए पंजाब की रिमोट सेंसिंग एजेंसी द्वारा तैयार की गई विशेष मोबाइल ऐप की मदद ली जा रही है। जो कि प्रत्येक गांव स्तर पर लगाए गए सेक्टर अधिकारियों को सीधे आग लगने वाले खेत तक पहुंचाएगी. उक्त जानकारी देते हुए जिलाधीश गुरप्रीत सिंह खैहरा ने बताया कि सारे पंजाब में सबसे पहला झोने की कटाई अमृतसर में शुरू हुई है तथा कई किसान जिनको सब्जी बीजनी होती है वह जल्दबाजी में पराली को आग लगा देते है। जिस को रोकने के लिए हर तरह की तैयारी की गई है। उन्होंने कहा कि हम गांव स्तर पर नोडल अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं जो गांव के समूह कलसर अधिकारी भी तैनात कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि गांव स्तर के नोडल अधिकारी नियुक्त करने के साथ-साथ कलसरअधिकारी गांव मे उपग्रह से प्राप्त हुई आग लगने की सूचना के आधार पर संबंधित क्षेत्र के मालिक विरुद्ध कार्रवाई को यकीनी बनाएंगे। उन्होंने सभी एसडीएम तथा माल विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वह अपने-अपने क्षेत्रों में की गई योजना बंदी तहत हर एक सेक्टर अधिकारी पर नजर रखें कि वह सेटेलाइट से मिल रही जानकारी पर सीधे तौर पर कार्यवाही कर रहा है। जिलाधीश ने कहा कि हम इस कार्य को मिशन के तौर पर कर रहे हैं जिसमें किसानों के साथ-साथ पंचायतों खुशहाली के रक्षकों बिजली बोर्ड सहकारिता विभाग, प्रदूषण विभाग, खेतीबाड़ी विभाग, माल विभाग आदि के अधिकारियों तथा कर्मचारियों का सहयोग लिया जा रहा है। जिलाधीश खेहरा ने कहा कि हम पहला किसान को खेती बाड़ी तथा अन्य विभागों की मदद से पराली को ना साड़ने तथा इसके इलावा इससे निकलने वाले गंभीर परिणामों को भी किसानों को समझाया है। पराली की साभ संभाल के लिए खेतमशीने सरकार द्वारा सबसिटी पर दी गई है. पर फिर भी कोई पराली को आग लगता है उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।