अमृतसर,22अगस्त (राजन): भगतावाला कूड़े के डंप पर लगे कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए नगर निगम जीतोड़ प्रयास कर रहा है। अभी तक मात्र 30 प्रतिशत ही कूड़ा उठाया गया है। इसकी बायोरेमेडीएशन के लिए लगातार कार्रवाईया हो रही है। आज नगर निगम कमिश्नर कुमार सौरभ राज ने ज्वाइंट कमिश्नर हरदीप सिंह, निगम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ किरण कुमार और डंप पर कार्यरत कंपनी के अधिकारियों के साथ विस्तार पूर्वक मीटिंग की गई।
कंपनी ने बताई अपनी दिक्कतें
पुराने लगे कूड़े के पहाड़ को हटाने के लिए कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि कंपनी को अधिक से अधिक मशीनरी लगाने में कोई भी परेशानी नहीं है। कंपनी अधिक मशीनरी लगा कर जल्द पुराने कूड़े के पहाड़ की बायोरेमेडीएशन कर सकती है। इसमें यह दिक्कत आ रही है कि बायोरेमेडीएशन से पैदा होने वाला आरडीएफ कंज्यूम नहीं हो पा रहा है। बायोरेमेडीएशन से पैदा होने वाला आरडीएफ ज्वलनशील होता है। इससे आग लगने का भय बना रहता है। कंपनी अधिकारियों ने कहा कि आरडीएफ को खत्म करने के लिए पंजाब सरकार सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं को हिदायते दे कि यहां से आरडीएफ लिया जा सके। जल्द आरडीएफ कंज्यूम होने से बायोरेमेडीएशन में तेजी ला दी जाएगी।
‘लीचीट’ ट्रीटमेंट प्लांट लगना आवश्यक
मीटिंग में कंपनी अधिकारियों ने एक यह विशेष बात बताई कि प्रतिदिन कूड़े की प्रोसेसिंग मे भी दिक्कत आ रही है कि गीले कूड़े में से प्रोसेसिंग दौरान ‘ लीचीट ‘ लिकवर्ड निकलता है, जो एनवायरमेंट के लिए घातक है। डंप में लीचीट ट्रीटमेंट प्लांट लगाना भी आवश्यक है। कंपनी अधिकारियों ने बताया कि इस प्लांट को लगाने के लिए कंपनी द्वारा एनआईटी जालंधर में सैंपल भेजा हुआ है। सैंपल की रिपोर्ट और मंजूरी आने के उपरांत ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का कार्य शुरू हो जाएगा।
एनजीटी की टीम करेगी दौरा
कल महानगर में कूड़े के डंप को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की टीम आ रही है। टीम द्वारा भगतावाला कूड़े का डंप और अन्य स्थानों का भी दौरा किया जाना है। नगर निगम प्रशासन इसकी तैयारी में पूरी तरह से जुड़ा हुआ है।
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