अमृतसर, 24 अगस्त (राजन): विधानसभा कमेटी सदस्य गुरु नगरी अमृतसर के सीवरेज सिस्टम (विशेष रूप से सीवरेज से संबंधित), मेडिकल कॉलेज, श्री अमृतसर साहिब (आपातकालीन गार्ड, और बच्चों के वार्ड के संबंध में),श्री गुरु नानक विश्वविद्यालय (ई-लाइब्रेरी सिस्टम के संबंध में), गवर्नमेंट कॉलेज सरूप रानी (लड़कियां), श्री अमृतसर साहिब (पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के संबंध में) ,सर्किट हाउस, श्री अमृतसर साहिब,श्री अमृतसर साहिब में एक स्कूल का निरीक्षण, ग्राम ठठठिया से हटकर ग्राम कलोर (रामतीर्थ) में बनना है,पशु तालाब संचालन एवं अभिलेखों का भी निरीक्षण करेंगे।
बचत भवन में हुई मीटिंग
विधानसभा कमेटी सदस्य अमृतसर पहुंचने पर डिप्टी कमिश्नर हरप्रीत सिंह सूजन और नगर निगम ज्वाइंट कमिश्नर हरदीप सिंह ने सदस्यों का स्वागत किया। उसके बाद रंजीत एवेन्यू स्थित बचत भवन में कमेटी सदस्यों ने मीटिंग की। मीटिंग में डीसी हरप्रीत सिंह सूदन, निगम ज्वाइंट कमिश्नर हरदीप सिंह तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए।
यह है कमेटी सदस्य
कुंवर विजय प्रताप सिंह (अध्यक्ष),सरदार बलकार सिंह, बलकार सिंह सिद्धू,बलविंदर सिंह धालीवाल, हरमीत सिंह पठानमजरा,जीवन सिंह सांगोवाल,लखबीर सिंह रॉय,मदन लाल बागा,मनप्रीत सिंह अयाली, डॉ. विजय सिंगला,शीतल अंगुरल,, सुखवीर सिंह मैसरखाना,त्रिपत राजिंदर सिंह बाजवा शामिल है।
गुरु नानक देव अस्पताल का किया दौरा
पहले गुरुनानक देव अस्पताल की व्यवस्था का जायजा लेने के लिए बुधवार को विधानसभा कमेटी की टीम पहुंची। इस टीम में अमृतसर से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह व लुधियाना से विधायक मदनलाल शामिल थे। रोचक पहलू यह रहा कि विधानसभा कमेटी ने वही देखा जो अस्पताल प्रशासन ने उन्हें दिखाया। असल में कमेटी का काम अस्पताल की खामियों का विश्लेषण कर रिपोर्ट तैयार करना होता है, पर यहां सिर्फ निरीक्षण की औपचारिकता पूरी की गई।दोपहर तकरीबन चार बजे अस्पताल पहुंचे कुंवर विजय प्रताप सिंह व मदनलाल ने आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया। यहां कुछ मरीजों ने कमेटी के सामने दुखड़ा रोया। मरीजों का कहना था कि अस्पताल में दवाएं नहीं मिलती। डाक्टर ब्रांडेड दवाएं लिखते हैं, जो निजी मेडिकल स्टोर में बेहद महंगी मिलती हैं। इसके बाद कमेटी सदस्य बच्चा वार्ड व इमरजेंसी वार्ड में गए और जायजा लिया। जायजा लेने के बाद टीम ने अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डा. केडी सिंह व सरकारी मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. राजीव देवगण से बैठक की। इस बैठक में अधिकारियों ने कमेटी से कहा कि उनके पास सबसे बड़ी समस्या स्टाफ की है। दर्जा चार कर्मचारियों की भर्ती नहीं की गई, इसलिए सफाई व्यवस्था में सुधार नहीं हो पा रहा। इसके अलावा डाक्टरों की भी कमी है। अस्पताल की इमारतों की समय समय पर मरम्मत नहीं हो पाती। दवाइयों का संकट अस्पताल में हमेशा बना रहता है, इसलिए निजी मेडिकल स्टोर्स से मंगवाई जाती हैं। दवाइयों की कमी दूर की जाए, ताकि मरीजों को परेशानी न हो। कमेटी ने इन शिकायतों को नोट किया और कहा कि वह इसे विधानसभा में रखकर जल्द समाधान करवाएंगे
प्रबंधन को पहले ही मिल चुकी थी कमेटी के आने की सूचना
विधानसभा कमेटी की यह जायजा प्रक्रिया औपचारिकता ही नजर आई। असल में अस्पताल प्रबंधन को कमेटी सदस्यों के आने की सूचना पूर्व में ही मिल चुकी थी, इसलिए काफी हद तक सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करवाया गया। कमेटी सदस्यों को उन स्थानों पर ले जाया गया जहां प्रबंध बढि़या थे।
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