Breaking News

बैटल ऑफ सारागढ़ी के शहीदों को याद और नमन करने के लिए निकाला पैदल मार्च

अमृतसर,10 सितंबर (राजन):  बैटल ऑफ सारागढ़ी को विश्व की सबसे बहादुरी से लड़ी गई लड़ाइयों में से एक माना गया है। 12 सितंबर को युद्ध को हुए 125 साल पूरे हो जाएंगे। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने शहीदों को याद और नमन करने के लिए मार्च निकाला। शिरोमणि कमेटी  के सदस्य भाई मनजीत सिंह, डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर और सारागढ़ी फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने बताया कि इस साल सारागढ़ी शहीदों की याद में 125वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं।

जिसकी शुरुआत आज दरबार साहिब से की गई है। दरबार साहिब से सारागढ़ी सराएं तक पैदल मार्च निकाला गया। इस दौरान शहीदों के तीन परिवार भी अपने बुजुर्गों को श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे हैं। इस दौरान स्कूल विद्यार्थियों ने गतखा भी पेश किया।

सीकेडी के अंतर्गत आते स्कूलों में बैटल ऑफ  सारागढ़ी सिलेबस में जोड़ा जाएगा

कैबिनेट मंत्री  व चीफ खालसा दीवान के प्रधान इंद्रबीर सिंह निज्जर ने इस दौरान कहा बैटलऑफ सारागढ़ी को चीफ खालसा दीवान  के अंतर्गत आते स्कूलों में पढ़ाने का भी फैसला किया है। डॉ.निज्जर ने कहा कि आज के युवाओं को सिखों की शूरवीरता को जानने की जरूरत है। वे इन्हें विद्यार्थियों के सिलेबस में जोड़ने के लिए कार्य शुरू
करेंगे।

इतिहास के पन्नों में दर्ज

इतिहास के पन्नो में दर्ज इस लड़ाई के बारे में लिखा गया कि सारागढ़ी, समाना रेंज पर स्थित कोहाट जिले का सीमावर्ती इलाके का एक छोटा सा गांव है। इस समय यह पाकिस्तान में है। 12 सितंबर 1897 को यहां 36 सिख रेजिमेंट के 21 सैनिक तैनात थे और अचानक से अफगान मुस्लमानों ने हमला कर दिया। हमलावरों की गिनती 12 हजार के करीब थी। लेकिन 21 सिख पीछे नहीं हटे। 21 सिख लड़ाकों ने 450 सेअधिक हमलावरों को मार गिराया था। लेकिन अंत में सभी खुद भी शहीद हो गए। 

‘अमृतसर न्यूज़ अपडेटस” की व्हाट्सएप पर खबर पढ़ने के लिए ग्रुप ज्वाइन कर

https://chat.whatsapp.com/D2aYY6rRIcJI0zIJlCcgvG

About amritsar news

Check Also

पूर्व जत्थेदार ने हाईकोर्ट से याचिका ली वापसःबोले, तख्त मर्यादा को ठेस पहुंचाने का इरादा नहीं

ज्ञानी रघुबीर सिंह। अमृतसर, 30 जून: श्री अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार व सच्चखंड श्री …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *